छत्तीसगढ़

घरों में गूंजा ‘गोर-गोर गणपति, ईशर पूजे पार्वती ‘

रायपुर। 18 दिवसीय गणगौर पर्व के अंतिम दिन कुंवारियों और सुहागिनों में भक्ति उल्लास छाया रहा। कोरोना में लगे लॉकडाउन के माहौल में घर-घर में पूजा अर्चना की गई। राजस्थानी संस्कृति को मानने वाले सभी घरों में गणगौर पूजा करके कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की गई।

सामूहिक पूजा से परहेज, पारिवारिक सदस्य ही जुटे

हर साल माहेश्वरी समाज, गौड़ ब्राम्हण, पुष्करणा ब्राम्हण, शाकद्वीपीय मग ब्राम्हण , मारवाड़ी सोनी समाज समेत अनेक राजस्थानी समाज के घर घर में भक्तिभाव छाया रहा।

जानिए गणगौर के बारे में
गणगौर दो शब्दों से बना है। गण शब्द से आशय भगवान शंकर से और गौर शब्द से आशय मां पार्वती से है।

गणगौर राजस्थान एवं आस पास के लगे क्षेत्रों का मुख्य पर्व है। वहां इसकी काफी मान्यता है। इसे राजस्थान में आस्था के साथ मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ में रहने वाले लाखों परिवारों में भी उल्लास छाया रहा। कुंवारी लड़कियों ने गणगौर की पूजा कर मनपसंद वर की कामना की। वहीं, शादीशुदा महिलाओं ने व्रत रखकर अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना की। घर घर में प्रतिमा के समक्ष दूब से दूध की छांट देते हुए गोर गोर गोमती गीत गाया।

गणगौर की कहानी

माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शंकर को वर (पति) के रूप में पाने के लिए बहुत तपस्या और व्रत किया। फलस्वरूप माता पार्वती की इस तपस्या और व्रत से प्रसन्न होकर माता पार्वती के सामने प्रकट हो गए। भगवान शिव ने माता पार्वती से वरदान मांगने का अनुरोध किया। वरदान में माता पार्वती ने भगवान शंकर को ही वर के रूप में पाने की अभिलाषा की माता पार्वती की इच्छा पूरी हुई और मां पार्वती का विवाह भोलेनाथ के साथ संपन्न हुआ।

मान्यता है कि भगवान शंकर ने इस दिन मां पार्वती को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान दिया था। मां पार्वती ने यही वरदान उन सभी महिलाओं को दिया जो इस दिन मां पार्वती और शंकर की पूजा साथ में विधि विधान से करें और व्रत रखें।

पारंपरिक राजस्थानी वेशभूषा में सजी धजी महिलाओं ने घर पर ही गणगौर के बिन्दौले भी निकाले। पूजन करने वाली प्रज्ञा राठी, शकुन राठी, पूनम राठी, बीना भंडारी, मीना सोनी, पूजा राठी, प्रेक्षा एवम् श्रेया राठी ने बताया कि परिवार के साथ ही गणगौर पूजा की। ब्राम्हण समाज की राखी, सीमा, दृष्टि एवं अन्य महिलाओं ने भी पूजा की।

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *