छत्तीसगढ़

सभी जरूरतमंदों के लिए राहत कार्य चलाए सरकार- तिलक पांडे

कोंडागांव। सरकार द्वारा सभी जरूरतमंदों के लिए राहत कार्य चलाए जाने की आवष्यकता के सम्बन्ध प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सीपीआई कोण्डागांव के जिला सचिव एवं राज्य परिशद् सदस्य तिलक पांडे ने कहा है कि सूबे के मुख्य मंत्री को कोरोना कोविड 19 से बचाव हेतु केवल लाॅक डाउन का सहारा नहीं लेना चाहिए बल्कि अन्य उपायों की ओर भी ध्यान देना चाहिए ऐसे उपायों में सभी जरुरतमंदों हेतु राहत कार्य चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार छग राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। कोरोना महामारी के दूसरे लहर को रोकने में केंद्र सरकार असफल रही, जिसका आने वाले दिनों में जनता मुंहतोड़ जवाब देगी। लगभग डेढ़ साल से कोरोना नामक महामारी और उससे भी अधिक पहले केंद्र तथा फिर राज्य सरकार द्वारा बार-बार लगाए जाने वाले लाॅक डाउन से देश की जनता त्रस्त हो चुकी है, करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी चली गई, राज्य में भी 15 दिनों से लॉक डाउन है, रोज कमाने खाने वाले लोगों को खाने के लाले पड़ने लगे हैं, महंगाई से आम जनता व्याकुल है, निजी अस्पतालों में रुपयों की मनमानी वसूली हो रही है, दवा की दुकानों पर भी मनमानी चल रही है, लोग बीमारी की डर से घरों में दुबके हुए हैं। लाॅक डाउन की मार सबसे अधिक राज्य के किसानों को हो रहा है, विषेश रुप से उन किसानों को जो सभी लोगों को पौश्टिक सब्जियां व फल उपलब्ध कराने के लिए दिन रात एक कर मेहनत करते हैं और जब उन्हें अपनी उपज बेचना हो तो लाॅक डाउन का सामना करना पड़ता है। जिससे दोहरा नुकसान हो रहा है एक ओर जहां किसानों को आर्थिक नुकसान होता है, वहीं आम हों या खास सभी जन ताजे सब्जियों व फल जैसे पौश्टिक आहार से वंचित रह जाते हैं। जबकि कहा जा रहा है कि कोरोना से बचाव का एक तरीका है, स्वयं में रोग प्रतिरोधक क्षमता (ईम्युनिटी) को बढ़ाना, जिसके लिए ताजे सब्जियांे व फलों का सेवन करना बेहतर है। कुल मिलाकर किसान परेशान हैं, आर्थिक रूप से कमजोर सभी लोगों को जीना दूभर हो गया है, राज्य के अंदर सैकड़ों श्रमजीवी पत्रकार बगैर तनख्वाह के काम करते हैं, सभी श्रमजीवी पत्रकारों को आर्थिक सहायता की जरूरत है। राज्य भर में निःशुल्क कोरोना की जांच और 24 घंटे में उसका रिपोर्ट दिया जाए, तभी संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है। निजी अस्पतालों में भी निःशुल्क ईलाज, असंगठित मजदूरों, वकीलों एवं श्रमजीवी पत्रकारों को कोरोना काल में 10000 रुपए प्रति माह आर्थिक सहायता, होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को घर में जरूरत की सभी तरह के सामान देने की मांग की है। राज्य भर में छोटे-छोटे व्यवसायियों व किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है, छोटे व्यवसायियों व किसानों को भी इस कोरोना काल में उचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। निर्माण कार्यों में लगे सभी असंगठित मजदूरों को निःशुल्क इलाज एवं आर्थिक सहायता राज्य शासन व केंद्र शासन द्वारा प्रदाय की जाए। यदि उपरोक्त मांगों की ओर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है, तो सीपीआई सरकार की विफलता के खिलाफ जन आंदोलन चलाने को मजबूर हो जाएगी। अंत में तिलक पाण्डे ने मांग की है कि सरकार को राज धर्म का पालन करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सभी लोगों को हर तरह की सुविधाएं व आर्थिक सहायता मुहैया कराए तथा कोरोना महामारी से लड़ने के लिए राज्य स्तर से लेकर विकासखंड स्तर तक सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों को मिलाकर टास्क फोर्स का गठन की जाए।

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