रायपुर, छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और पुरातत्विक दृष्टिकोण से समृद्ध धरोहरों को राज्य सरकार संरक्षित करेगी। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने विभागीय अफसरों को जीर्णशीर्ण स्थिति में पड़े धरोहरों का जीर्णोद्धार करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य स्थानों को चिन्हांकित कर पुरातत्विक खनन और सर्वे का काम होना चाहिए।
मंत्री भगत ने छत्तीसगढ़ से जुड़े अंग्रेजी शासनकाल के आदेशों, निर्णयों सहित राजा महाराजा, बौद्धिक व अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जुड़े अभिलेखों को म्यूजियम में संरक्षित रखने के साथ-साथ विभागीय वेबपोर्टल में अपलोड करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए पुरातत्विक और ऐतिहासिक धरोहर स्थलों पर आवागमन के लिए सड़क, पानी, बिजली सहित अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप नवा रायपुर में मानव संग्रहालय, भारत भवन, अभिलेखागार, फिल्म सिटी और सांस्कृतिक गांव आदि की स्थापना के लिए शीघ्र कार्ययोजना तैयार कर उस उस पर अमल किया जाए।
मंत्री भगत ने छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति के समावेश से निर्मित विशेष प्रकार के वेलकम गमछा का अवलोकन किया। यह एक राजकीय गमछा होगा। इस गमछा से कलाकारों, अतिथियों, बुद्धजीवों और उत्कृष्ट कार्य करने वालों लोगों सहित सभा समारोह में अतिथियों और लोगों का स्वागत किया जाएगा।
ढाई लाख अभिलेखों को किया जा रहा डिजिटल
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ से जुड़े अभिलेखों को एकत्र कर डिजीटलाइजेशन का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में दो से ढाई लाख अभिलेखों को डिजीटलाइजेशन करने का लक्ष्य रखा गया है। एक लाख अभिलेख के लिए आर्डर दिया गया है। डिजिटलाइजेशन से शोध छात्रों, रिसर्चरों, पाठकों को अध्ययन में सहायता मिलेगी।