घर पर मम्मी-पापा के साथ बंटाया हाथ, मेधावी बने तो दमके चेहरे
रायपुर । माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं बोर्ड परीक्षा में भले ही मेरिट सूची जारी नहीं हुई लेकिन शहर के प्रमुख स्कूलों में 90 फीसद से अधिक बच्चों ने प्रथम श्रेणी हासिल की है। वहीं, ज्यादातर स्कूलों में बच्चों ने 95 फीसद से अधिक अंक अर्जित किए हैं। स्कूल बंद रहे इसलिए बच्चे घर पर अपने मां-बाप के काम में भी हाथ बंटाया और अच्छे अंक भी हासिलए किए।
पढ़ाई के साथ करती रहीं सिलाई, पाए 97.6 फीसद अंक
नाम – हर्षा साहू, कक्षा – 12वीं
संकाय- साइंस, प्रतिशत- 97.6
स्कूल – पीजी उमाठे गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल शांतिनगर
सफलता की कहानी: तेलीबांधा की हर्षा साहू ने कक्षा 12वीं 97.6 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। हर्षा ने बताया ऑफलाइन परीक्षा की तैयारी के लिए 95 प्रतिशत लक्ष्य लेकर पढ़ाई शुरू की थी। घर में सात से आठ घंटे पढ़ाई करती थी। कोरोना काल में कोचिंग क्लास बंद होने की वजह से ऑनलाइन मोड पर पढ़ाई की। घर पर हर्षा पढ़ाई के साथ कपड़े की सिलाई भी करती रहीं। हर्षा की माता रेखा साहू हाउसवाइफ हैं। पिता जय कुमार साहू राजमिस्त्री के कार्य करते हैं। प्राचार्य विद्या सक्सेना ने बताया कि जो बच्चे पढ़ने में ठीक थे उनके अंक बेहतर आए हैं।
आगे क्या – बीएससी कम्प्यूटर साइंस में पढ़ाई।
सक्सेस मंत्र – पढ़ाई को लक्ष्य बनाकर करें। शिक्षकों की बातों का अनुसरण करें।
खेती किसानी में बंटाया हाथ, किशन ने मारी बाजी, 97.2 प्रतिशत अंक
नाम – किशन साव (फोटो)
कक्षा – 12वीं
संकाय – साइंस
प्रतिशत – 97.2
स्कूल- जेएन पांडेय स्कूल नलघर चौक रायपुर
सफलता की कहानी: 12वीं में प्रवेश लेते ही इस बार मेरिट सूची में जगह बनानी है। यही तय करके किशन ने पढ़ाई शुरू कर दी थी। वे कहते हैं कि प्राचार्य एमआर सावंत और शिक्षकों के प्रोत्साहन से रोज 10 घंटे की पढ़ाई की। 97.2 अंक मिलने पर बेहद खुशी हो रही है। प्राचार्य एमआर सांवत कहते हैं कि किशन ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा में बेहतर अंक हासिल किया था। किशन की माता उत्तरा साहू हाउस वाइफ हैं। वहीं, पिता प्रेम लाल गांव खरोरा में रहकर खेती-किसानी का कार्य करते हैं। किशन अपने चाचा के साथ रायपुर में रहकर पढ़ाई कर रहा है। कभी-कभार गांव जब पहुंचते, तो पिता के साथ खेतीबाड़ी में भी हाथ बंटाते रहे।
आगे क्या – रक्षा क्षेत्र में कैरियर बनाना है। इसके लिए एनडीए की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है।
सक्सेस मंत्र – लक्ष्य बनाकर मंजिल हासिल कर सकते है। इसके लिए मेहनत करना भी जरूरी है।
इन्हें भाषण देने का है शौक, पढ़ाई में भी अव्वल
नाम – श्वेता चिचोलकर (फोटो)
कक्षा – 12वीं
संकाय – साइंस
प्रतिशत – 95.4
स्कूल – दानी गर्ल्स स्कूल
सफलता की कहानी: कुशालपुर की श्वेता चिचोलकर पढ़ाई के साथ अन्य क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर रही है। श्वेता ने अभी 12वीं में 95.4 अंक हासिल किए हैं। बता दें कि श्वेता पढ़ाई के साथ भाषण प्रतियोगिता में इसी साल स्टेट चैपिंयनशिप का खिताब भी जीत चुकी हैं। इसके अलावा जुलाई में पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री के सामने भूमिपूजन कार्य का एंकरिंग की है। श्वेता ने बताया कि पढ़ाई के लिए इस बार सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस किया और ऑनलाइन पढ़ाई निरंतर जारी रखी है। पहले मेरिट लिस्ट में आने की तैयारी शुरू की है। इसी कारण सभी विषय में अच्छा अंक मिले हैं। वहीं, श्वेता माता वैशाली चिचोलकर हाउस वाइफ और पिता रविंद्र चिचोलकर प्राइवेट नौकरी में है।
आगे क्या – इंजीनियरिंग क्षेत्र में कैरियर बनाना है। इसके लिए जीईई परीक्षा की तैयारी शुरू कर चुकी है।
सक्सेस मंत्र – पढ़ाई के दौरान मन में इधर-उधर नहीं भटकना चाहिए।
पहले से टारगेट लेकर शुरू की पढ़ाई
नाम – मुकुंद साहू (फोटो)
कक्षा – 12वीं
संकाय – साइंस
प्रतिशत – 96.8
स्कूल – जेेएन पांडेय स्कूल नल घर चौक
सफलता की कहानी – 12वीं में इस बार मेरिट लिस्ट में नाम लाने की तैयारी शुरू की। शुरू से ही टारगेट लेकर पढ़ाई की। इसके लिए रोज चार से पांच घंटे की पढ़ाई। यह कहना है मुकुंद साहू का। मुकुंद ने कक्षा 12वीं में 96.8 अंक हासिल किए हैं। उन्होंने बताया कि पढ़ाई को कभी बोझ नहीं समझा। जब पढ़ाई करने का मन लगता था तभी पढ़ाने के लिए बैठते हैं। सिर्फ एक ही लक्ष्य होता था पढ़ाई के दौरान सिर्फ पढ़ाई। वहीं पढ़ाई के साथ शतरंज खेलना बहुत पसंद है। शतरंज में रोज घंटों समय बिताते है। मुकुंद ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई रोज की है। साथ यूट्यूब का सहारा लिया। जब भी किसी टापिक में अटक जाते थे, तो सीधे शिक्षकों से संपर्क करते थे। जहां से काफी मदद मिली है। बता दें कि मुकुंद माता रेखा साहू हाउस वाइफ है। वहीं, पिता संतोष कुमार राजधानी के नजदीक टेमरी गांव होटल चलाते है।
आगे क्या – बीएससी की पढ़ाई। आगे चलकर आइएएस अफसर बनाना है।
सक्सेस मंत्र – पढ़ाई को जब मन लगे तभी करें। इससे काफी फायदा मिलता है।
सेल्फ स्टडी पर किया ज्यादा भरोसा
नाम – नमिता तम्बोली
कक्षा – 12वीं
संकाय- साइंस
प्रतिशत – 95
स्कूल – दानी गर्ल्स स्कूल
सफलता की कहानी- दानी गर्ल्स स्कूल की नमिता तम्बोली ने कक्षा 12वीं की परीक्षा 95 प्रतिशत हासिल किए हैं। नमिता ने बताया कि इसके लिए पहले तैयारी शुरू कर दी थी। वहीं, कोरोना काल की वजह स्कूल, कोचिंग बंद होने से सेल्फ स्टडी, नोट्स बनाकर तैयारी की। नमिता का कहना है कि पहले तो ऑफलाइन परीक्षा के लिए तैयारी की, लेकिन महामारी के वजह से ऑनलाइन परीक्षा हुई। उनका कहना है कि लक्ष्य बनाकर पहले चल रही थी। इसकी कारण है कि इतना अंक मिली है। बता दें कि नमिता के पिता संतोष कुमार तम्बोली गोलबाजार में पान दुकान चलाते है।
आगे क्या – बीटेक की पढ़ाई। इसके लिए जेईई की तैयारी शुरू की है।
सक्सेस मंत्र – लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें, सफलता एक दिन अवश्य मिलेगी।