छत्तीसगढ़

बस्तर में जवानों द्वारा एक कंधे में हथियार तो दूसरे कंधे कावड़ में गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचकर कर दिया मानवता का परिचय


कोंडागांव पत्रिका लुक।


बस्तर क्षेत्र में अक्सर विकास विरोधी एवं जनविरोधी विचारधारा वाले नक्सलवादियों द्वारा आम जनता के लिये सबसे उपयोगी सड़कों को काटकर नुकसान पहुंचाया जाता है, जिससे ग्रामीणों को आपातकाल में चिकित्सा की स्थिति में एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती, जिससे सही समय में अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण कई बार आम जनता को जान गंवाने तक की नौबत आ जाती है।
एक ओर जहां बस्तर क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बल लगातार माओवादियों के विरूद्ध कार्यवाही कर रही है, वहीं दूसरी ओर लगातार विभिन्न अवसरों पर आम जनता की सहायता एवं सेवा करने से भी पीछे नहीं हट रही है। बस्तर क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बल द्वारा विभिन्न अवसरों पर आम जनता तक पहुंचकर कभी चिकित्सा सेवा, कभी राशन, कपड़े एवं अन्य प्रकार से सहायता पहुंचा रही है।

इसी प्रकार की एक घटना कारित करते हुये नक्सल वादियों द्वारा जिला दन्तेवाड़ा अंतर्गत ग्राम रेवाली की सड़क को कई जगह से काट दिया गया था, जिससे वाहनों का आवागमन बाधित था। इसी बीच ग्राम रेवाली पटेलपारा निवासी गर्भवती श्रीमती कूर्म नंदे पति कूर्म देवा, उम्र 35 वर्ष को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और वह दर्द से तड़पने लगी। परिवार वालों ने एम्बुलेेंस को फोन किया पर माओवादियों द्वारा सड़क काट दिये जाने के कारण एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पा रही थी।

महिला की स्थिति गंभीर होता देख उनके परिवार वाले गर्भवती महिला को खाट में लेकर अस्पताल हेतु रवाना हुये ही थे, कि रास्ते में डीआरजी बल के जवानों ने महिला को खाट में उठाकर ले जाते हुये देखा। जवानों द्वारा तत्काल मानवता का परिचय देते हुये मौके से गर्भवती महिला को खाट में अपने कंधों पर उठाकर मुख्य मार्ग तक लाया गया एवं अपने गश्त वाहन में बैठाकर तत्काल पालनार स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया। स्वास्थ्य केन्द्र में महिला ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया।डीआरजी बल द्वारा गर्भवती महिला को समय पर अस्पताल पहुंचाने से महिला को चिकित्सा मिलने पर महिला एवं नवजात शिशु दोनों की जान बचाई जा सकी। महिला के परिवार व ग्रामीणों ने डीआरजी बल की सराहना करते हुये कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में पुलिस ने उनकी मदद कर अस्पताल पहुंचाया, जिससे महिला का प्रसव आसानी से करवाया जा सका और माता व बच्चे दोनों सकुशल हैं। उन्होंने दन्तेवाड़ा डीआरजी बल का बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया।
सुन्दरराज पी., पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा बताया गया कि विगत लगभग 04 दशकों से प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन द्वारा मात्र अपने वर्चस्व को बचाकर रखने के लिये क्षेत्र की जनता को लगातार सड़क, पुल-पुलिया, बिजली आपूर्ति, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य सेवा जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने के लिये कोशिश की जाती है। माओवादियों की साजिश को विफल करते हुये क्षेत्र की जनता के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु बस्तर पुलिस एवं क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों द्वारा अपने जान को भी जोखिम में डालकर जनहित में समर्पित होकर लगातार कार्य किया जा रहा है। हमें विश्वास है कि क्षेत्रवासियों की मंशानुरूप आगामी समय में बहुत जल्दी बस्तर क्षेत्र में माओवादी संगठन का खात्मा होकर शांति व्यवस्था स्थापित होने के साथ-साथ क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी।

लेखन- घनश्याम शर्मा

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