छत्तीसगढ़ में कोविड-19 महामारी से मृत व्यक्तियों के बेसहारा बच्चों को मिलेगी निःशुल्क शिक्षा
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कोरोना महामारी से राज्य के मृत व्यक्तियों के बेसहारा बच्चों को निःशुल्क स्कूली शिक्षा के साथ ही छात्रवृत्ति भी प्रदाय करने राज्य शासन द्वारा ‘छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना 2021’ प्रारंभ की जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।
जारी अधिसूचना के अनुसार, योजना का क्रियान्वयन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा। योजना के तहत ऐसे पात्र स्कूलों में प्रवेशित छात्रों को कक्षा पहली से 8वीं तक 500 रुपए प्रति माह और कक्षा 9वीं से 12वीं तक एक हजार रुपए प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में विगत 18 मई को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में महतारी दुलार योजना लागू करने के संबंध में निर्णय लिया गया था।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा महतारी दुलार योजना के क्रियान्वयन के संबंध में पत्र जारी कर सभी जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और समाज कल्याण विभाग के समन्वय से ऐसे बच्चों को इस योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना 2021 शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू की जा रही है। योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के मूल निवासी परिवारों से संबंधित बेसहारा बच्चों को मिलेगा। इस योजना की पात्रता शर्तों में ऐसे बच्चे जिनके परिवार से कमाने वाले माता या पिता या दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हो गई हो। इसके अलावा बेसहारा बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए पात्रता रखते हों और जिनके घर में कमाने वाले व्यस्क सदस्य न रहने के कारण भरण-पोषण की समस्या हो गई हो उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।