छत्तीसगढ़

अवैध खनन का गोरखधंधा बदस्तूर जारी , कार्यवाही के नाम पर विभाग कर रहा खानापूर्ति

कोंडागांव (पत्रिका लूक संवाददाता)
प्रशासनिक दावों में अंतर इधर जिले के नदी नाला मे रेत की अवैध खनन का गोरखधंधा बदस्तूर जारी है। जब नारंगी, भंवरडिह समेत सभी सहायक नदियों नालो में हो रहे खनन की इस खेल की पोल यहां खनन सामाग्री से लदे रोजाना पकड़े जाने वाले वाहन खोल रहे हैं। सवाल उठता है कि जब खनन पर रोक लगी हुई है तो ये टीपर, हाईवा, ट्रैक्ट्रर ट्राली कहां से माल लेकर आ रहे हैं। रेत खनन के लिए जिले के चुनिंदा स्थानों पर प्रशासन द्वारा अनुमति दी गई है, बावजूद यहां इस पर अमल नहीं हो रहा। प्रशासन की इसी ढिलाई के चलते खनन माफिया के हौंसले बुलंद है। विभाग कार्रवाई के नाम पर अवैध खनन के वाहनों का ओवरलोड में चालान कर औपचारिकता पूरी कर रही है। दरअसल पुलिस अवैध खनन के वाहनों का या तो ओवरलोड में चालान करती है। खनन कर मोटी कमाई करने वाले खनन माफिया पर विभागीय कार्रवाई बेअसर रहती है। जुर्माना भरने के बाद खनन माफिया इन वाहनों को छुड़ाकर दोबारा अवैध खनन में लगा देते हैं। खनन माफिया पर सीधे मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई न होने से उनके हौंसले बुलंद रहते हैं और अवैध खनन का खेल पूरे साल जारी रखते हैं। सप्ताह के कुछ दिन अवैध खनन पर कुछ हद तक दिखावे के लिऐ ही सही अंकुश रहता है। लेकिन रविवार को अवकाश के दिन बडे पैमाने पर अवैध खनन का खेल शुरू हो जाता है। अलग अलग स्थानों पर खनन माफिया जेसीबी, डंपर व ट्रैक्टर ट्रालियां लगाकर धड़ल्ले से अवैध खनन कराया जाता है। वही खनिज विभाग को फोन पर संपर्क करने पर या तो मोबाइल बंद बताता है या फिर मोबाइल की घन्टी बजती रहती है पर संबधित विभाग का नौकरशाह फोन रिसीव नहीं करता । क्या जिले में ऐसे नौकरशाह की जरूरत नहीं इन्हें तो हमेशा के लिए ही अवकाश के लिए भेज देना चाहिए।

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