छत्तीसगढ़

गौठान में कम्पोस्ट विक्रय से आर्थिक स्थिति सुधारने की बजाय कर्ज में डूबते जा रहे महिला समूह

कम्पोस्ट विक्रय  की बकाया राशि दिलाने महिलाएं लगा रही गुहार, कलेक्टर

कोंडागांव। महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा गरवा घुरवा बड़ी  योजना चला रही है, सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही व जमीनी क्रियान्वयन में बरती जा रही अनियमितता के कारण महिलाओं के लिए आर्थिक उत्थान के बजाए आर्थिक बोझ बनती जा रही है। एक ऐसा ही मामला केशकाल विधानसभा क्षेत्र के बडेराजपुर ब्लाॅक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में कार्य करने वाली समूह से जुड़ी महिलाओं का सामने आया है। बडेराजपुर ब्लॉक के गोठानों में कार्यरत लगभग तीन दर्जन से अधिक महिलाएं सोमवार को जिला कार्यालय पहुंची। मां अंबे महिला समूह लिहागांव की श्रीमती भुनेश्वरी, नेमबती व अन्य महिलाओं के मुताबिक बड़ेराजपुर विकास खंड अंतर्गत स्थापित गौठानों का कार्य करने वाली महिलाएं हैं।

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उन सभी महिलाओं ने मिलकर 2136.39 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार किया था, जिसमें से 12033 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट उद्यान विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग को विक्रय किया है, जिसका मूल्य 1347536 रुपए होता है, सभी महिलाएं विगत जुलाई माह से सतत् रूप से काम कर रही हैं, किंतु आज पर्यंत लाभांश की राशि प्राप्त नहीं हुआ है। जनपद पंचायत सीईओ, तहसीलदार व जिला पंचायत सीईओ से बोलकर थक चुके और अब परेशान होकर शिकायत लेकर कलेक्टर से मिलने पहुंचे नजर आ रहे हैं। ताकि उन्हें विक्रय राशि मिल सके, राशि ना मिलने पर व गौठानों में कार्य करने में असमर्थ रहने की बात कर रहे हैं। वही  महिला समूह की महिलाओं ने बताया कि बैंक से कर्ज लेकर उसे गौठान में लगाया है बैंक का भी कर्ज  चुकाने हैं ओर परिवार भी पालना है अगर हमारे द्वारा विक्रय किया गया जैविक खाद का भुगतान नहीं किया जाता तो फिर हम अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर पाएंगे।

Patrika Look

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