नदी नालों से अवैध रेत परिवहन, विभाग शिकायत का कर रहा इंतजार या फिर कुछ और?
रेत का अवैध उत्खनन कर उड़ीसा तक हो रहा परिवहन टिपर-टिपर वाहन से ले जा रहे हैं रेत
कोण्डागांव। पत्रिका लुक
प्रतिबंध के बावजूद जिले के नदी नलो से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन लगातार चल रहा और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कारवाही के लिए शिकायत का इंतजार कर रहे हैं या विभाग को मालूम होते हुए भी कारवाही करना नहीं चाहती या फिर विभाग और रेत परिवहन के बीच कुछ मिलीभगत तो नही हो सकता है कुछ दाल में काल है ? आपको बतादेंकि नारंगी, भवर्डिह सहित जिले के अन्य नदी नालो से रेत कारोबारी अल सुबह और देर रात तक रेत निकाल अधिक लाभ कमाने के लिए जिले के साथ ही पड़ोसी राज्य उड़ीसा तक परिवहन कर रहे हैं। जिस पर रोक लगाने में जिम्मेदार अधिकारी असफल साबित हो रहे। जबकि राज्य सरकार की ओर से गोड खनिजों को लेकर जारी एक आदेश के मुताबिक जिले मे रेत सहित अन्य खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण पर प्रभावी नियंत्रण एवं दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई होनी है। लेकिन जिम्मेदारियों की अनदेखी के कारण कार्यवाही तो दूर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन रोक नहीं लग रहा है। दंडवन के बीच नारंगी नदी रविवार को ग्राम मारागांव और ग्राम दंडवन के बीच नारंगी नदी से टिपर वाहन क्रमांक सी जी27 जी0121 से रेत परिवहन करते पाया गया, हगरू राम वाहन चालक ने ग्राम बागबेड़ा निवासी श्रीराम नेताम का वाहन होना बताया और सड़क बनाने के लिए नारंगी नदी से रेत परिवहन करने की बात कही, स्थानीय ग्रामीणों की माने तो अधिकारियों द्वारा कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करने के कारण अधिक कमाई के लालच में वाहन मालिक छत्तीसगढ़ की नदियों से रेत उड़ीसा तक परिवहन कर अधिक कीमत पर बेच रहे, जहां उन्हें रेत का दुगुना कीमत मिल रहा, और अधिकारियों को चकमा देने वाहन मालिक रेत भरकर देर शाम व अल सुबह का रेत का परिवहन कर रहे, रेत के अवैध कारोबार में खनिज विभाग किसी तरह की कार्यवाही नहीं कर रहा, जिसके कारण अवैध रेत कारोबारी बेखौफ होकर कार्य को अंजाम दे रहे।
गोपाल टंडन , खनिज निरीक्षक कोंडागांव ने बताया कि विभागीय अमले द्वारा बीच-बीच में कार्यवाही की जाती है, उक्त जगह से रेत परिवहन की कोई शिकायत नहीं मिली है।