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जैन समाज राजधानी में बनाएगा 100 बिस्तर का अस्पताल, सर्व समाज का होगा इलाज

रायपुर। कोराेना महामारी के दौरान अस्पताल में जगह न मिलने से मरीजों को परेशान होना पड़ा। इसे देखते हुए जैन समाज ने राजधानी में 100 बिस्तर वाला सर्वसुविधायुक्त अस्पताल बनाने का फैसला किया है। अस्पताल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ में बरसों से चली आ रही छेरछेरा पर दान मांगने की तर्ज पर सहयोग लिया जाएगा। इस अस्पताल में सभी जाति-धर्म के मरीजों का इलाज किया जाएगा। इलाज में न लाभ न हानि के सिद्धांत पर शुल्क लिया जाएगा। इससे निजी अस्पताल में होने वाली मनमानी से मरीजों को छुटकारा मिलेगा।

जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर एवं विजय चोपड़ा ने बताया कि अस्पताल निर्माण के लिए सार्वजनिक आयोजनों पर होने वाले खर्च में कटौती की जाएगी। साथ ही समाज के लोगों से अनुरोध किया जाएगा कि वे व्यक्तिगत रूप से होने वाले आयोजनों में खर्च कम करें और अस्पताल बनाने के लिए मदद करें। इसके अलावा छत्तीसगढ़ की छेरछेरा परंपरा का अनुसरण करते हुए घर-घर से यथायोग्य सहयोग लिया जाएगा।

जैन समाज द्वारा हर साल अलग-अलग शहरों में चातुर्मास पर विविध आयोजन होते हैं, इनमें लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। अब प्रवचन, धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक एवं सामाजिक आयोजन पर होने वाले खर्च पर अंकुश लगाएंगे। उस बचत की राशि को अस्पताल बनाने में इस्तेमाल करेंगे।

हर परिवार में शादी-ब्याह, मृत्यु भोज, जन्म दिन, सालगिरह आदि पर हजारों, लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। उन परिवारों से अपील की जाएगी कि वे भव्य आयोजन न करके सादगी से आयोजन करें और फिजूलखर्च होने वाली राशि को अस्पताल के लिए अपने स्वजनों, दिवंगत बुजुर्गों के नाम पर दान करें।

कई परिवारों में शादी के मौके पर भव्य संगीत का आयोजन किया जाता है, जिसमें पूरे समाज को निमंत्रण दिया जाता है, सजावट, नृत्य, भोजन में लाखों खर्च होते हैं। ऐसे परिवारों से अपील की जाएगी कि वे घर परिवार के सदस्यों तक ही आयोजन करें। संगीत पार्टी के खर्च काे अस्पताल बनवाने में सहयोग करें।

वर्तमान दौर में वर-वधु ढूंढने के लिए ही इतना खर्च हो जाता है कि उतनी राशि से मध्यम परिवार में शादी ही निपट जाए। पहले कुंडली मिलान, परिवार की जानकारी और शादी का मन बनाने के बाद ही रिश्ता तय करने जाएं। बार-बार अलग-अलग घर में रिश्ता ढूंढने में ही लाखों खर्च होते हैं। राशि को बचाएं। प्री-वेडिंग शूट जैसे आयोजन पर व्यर्थ खर्च न करें।

समाज को फिजूलखर्ची से रोकने के प्रति जागरूक करने में जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर, विजय चोपड़ा, प्रवीण जैन ,चन्द्रेश शाह ,राजेश जैन , मोती जैन ,महावीर कोचर , गुलाब दस्सानी आदि जुटे हैं।

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