छत्तीसगढ़

महिला समूह से जुड़कर फगनी ने जीवन में लाया बदलाव,स्वयं के साथ पति को भी बनाया आत्मनिर्भर

नारायणपुर। ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्धि बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना संचालित की जा रही है। इससेे ग्रामीण महिलाआयें आत्मनिर्भर होकर अपने एवं परिवार की जिम्मेदारियों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही है। ऐसी ही कहानी है, नारायणपुर जिले के समीप ग्राम गढ़बेंगाल की आदिवासी ग्रामीण महिला श्रीमती फगनीबाई की। शादी के बाद वह अपने पति के साथ रोजी-मजदूरी और मनरेगा का काम करती थी, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, बस किसी तरह जीवन यापन हो रहा था। जब वह बिहान योजना के अंतर्गत सरोन महिला स्व सहायता समूह में जुड़ी तब समूह से मिलने वाले फायदों के बारे में जान पाई। श्रीमती फगनी को समूह से लोन दिया गया। पहला लोन उसने 50 हजार रूपये का लिया, जिसमें वह स्वयं के परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर ईट निर्माण का कार्य किया, जिससे उसे लगभग 1 लाख रूपये का फायदा हुआ। फगनी ने समूह का लोन पटा दिया।
श्रीमती फगनी ने आगे बताया कि अपने पति को स्वयं का रोजगार उपलब्ध कराने हेतु समूह से 2 लाख रूपये का लोन लेकर एक थ्रेेसर मशीन खरीदा और लीज में जमीन लेकर कृषि कार्य भी किया। फगनी ने बताया कि सीजन में थ्रेसर मशीन चलाने से उसके पति को लगभग 65-70 हजार रूपये की आय हो जाती है, जिसमें से कुछ राशि डीजल में खर्च हो जाती है। इसी प्रकार कृषि कार्य से फगनी के पति बजनाथ ने लगभग 70 क्विंटल धान की उपज हुई, जो फायदा हुआ उसने समूह का लोन किश्त ब्याज जमा कर दिया। उसके पश्चात फिर से समूह ने उसे 30 हजार लोन दिया और उससे फगनी ने एक मिनी राईस मिल खरीद लिया, जिससे वह गांव में धान कुटाई का कार्य अब भी कर रही है। इस प्रकार उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी हो गयी और आज वह खुशी से जीवन यापन कर रही है।

Patrika Look

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