कोंडागांव। 27 अक्टूबर 2021 को जिला मुख्यालय कोंडागांव के अटल सदन जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में मीडिया से चर्चा करते किसानों के हित में जारी अपने वक्तव्य में भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेंडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान की फसल तकरीबन तैयार है, लेकिन शासन द्वारा इस सत्र में इसकी खरीदी को लेकर किसी तरह की घोषणा नहीं किये जाने से किसानों में बेचैनी है। सर्वविदित हैं कि प्रदेश में मुख्य रूप से महामाया और सरना दो किस्म के धान की खेती होती है। महामाया धान की फसल की कटाई का काम जहां नवम्बर के पहले सप्ताह में पूरी हो जायेगी, वहीं सरना की कटाई भी पहले सप्ताह में ही शुरू हो जायेगी। किसानों को कटाई और मिजाई के लिए भी पैसे की जरूरत होती है, इसके साथ ही हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार दीपावली भी पहले सप्ताह में ही होने के कारण किसानों को पैसों की सबसे अधिक आवश्यकता इसी समय होती है, लेकिन अभी तक शासन द्वारा धान खरीदी का कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है। कांग्रेस अभी तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुई है, जिससे किसानों का धैर्य जवाब देता जा रहा है। प्रदेश में इसी तरह धान के रकबे को गुपचुप ढंग से कम किए जाने की साजिश भी कांग्रेस सरकार रच रही है। अफसरों पर दबाए डाला जा रहा है, कर्मचारियों को जबरन धान का रकबा कम दिखाये जाने का निर्देश दिया जा रहा है। चुनाव के समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी घोषणा की थी कि किसानों का एक-एक दाना धान खरीदेंगे। अब जब केंद्र सरकार खुद प्रदेश की लगभग सारी उपज खरीदने की घोषणा कर चुकी है, मोदी जी की सरकार प्रदेश से 61 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल खरीदने का निर्णय ले चुकी है, तो किसानों का दाना दाना खरीदने में आखिर भूपेश सरकार को क्या दिक्कत है ?
कांग्रेस सरकार अपने वादे के अनुसार धान का 25 सौ रूपये प्रति क्विंटल कीमत एकमुश्त तो नहीं ही दे पा रही है, ऊपर से केंद्र द्वारा हर सत्र में जो समर्थन मूल्य बढाया जा रहा है, उसका भी लाभ किसानों को नहीं दिया जा रहा है। पिछले सत्रों में केंद्र ने धान के समर्थन मूल्य में करीब 300 रूपये की वृध्दि की है। इस अनुपात में प्रदेश के किसानों को अगले फसल के लिए न्यूनतम 2800 रूपये प्रति क्विंटल धान की कीमत एकमुश्त देने की घोषणा करना चाहिए।
इस गंभीर विषय पर कदम उठाने का आग्रह कर शासन से मांग किया गया है कि धान खरीदी हर हाल में एक नवंबर से प्रारंभ करे। धान की
पूरी कीमत का भुगतान एकमुश्त हो। पिछला बकाया भुगतान तुरंत हो। केंद्र द्वारा एमएसपी में लगातार किये गए वृद्धि का लाभ किसानों को देना सुनिश्चित हो। गिरदावरी के बहाने रकबा कटौती पर पूरी तरह रोक लगाए जाएं। कांग्रेस की घोषणा के अनुरूप किसानों का दाना-दाना धान खरीदे जाएं। घोषणा पत्र में किये वादे अनुसार किसानों को दो वर्ष का बकाया बोनस दिए जायें। इस दौरान हेम कुंवर पटेल, गोपाल दीक्षित, जितेंद्र सुराना, रौनक दीवान, जैनेंद्र सिंह ठाकुर, कुलवंत चहल, विक्की रवानी, विश्वजीत चक्रवर्ती एवम विकास दुआ मौजूद रहे।