कांग्रेस संरक्षण मे फलफूल रहा मनी लॉनड्रिंग व ऑनलाइन सट्टे जुए का कारोबार-संतोष बफना
कोण्डागांव। पत्रिका लुक
पूर्व विधायक व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संतोष बफना ने कांग्रेस संरक्षण मे फलफूल रहा मनी लॉनड्रिंग व ऑनलाइन सट्टे जुए का कारोबार का लगाया आरोप। आरोपियों को बचाने की बजाए उन पर कार्रवाही करें यही मांग भारतीय जनता पार्टी करती हैं।कोंडागांव भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा, इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष दीपेश अरोरा सहित बड़ी संख्या में भजापा कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित थे।
भाजपा पूर्व विधायक एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि ईडी की कारवाई के बाद जितने बौखलाए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिख रहे हैं, उससे साफ समझ में आ रहा है कि इन तमाम घोटालों का किंगपिन और पॉलिटिकल मास्टर कौन है। इतने बौखलाए तो मुख्यमंत्री भूपेश तब भी नहीं दिखे थे जब उनकी नजदीकी उप सचिव जेल गयी थी । ईडी ने यह कार्रवाई तब शुरू की जब छत्तीसगढ़ पुलिस ने सबसे पहले महादेव बुक एप की ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हालांकि यह भी सबको मालूम है कि यह एफआईआर असल मुजरिमों को बचाने और कार्रवाई के नाम पर लीपापोती के लिए दर्ज की गई थी । इसके पहले विशाखापटनम पुलिस ने भी इस नेटवर्क के खिलाफ विस्तृत जांच की थी जिसमें इस गिरोह के काम करने के तौर तरीकों और हजारों करोड़ के बेनामी लेन-देन का भंडाफोड़ किया गया था ।हर एफआईआर से मनी लांड्रिंग की बू आ रही थी और आईपीसी की धारा के तहत मनी लांड्रिंग की जांच राज्य पुलिस नहीं कर सकती सिर्फ केन्द्रीय एजेंसी कर सकती है तो भूपेश बघेल को आपत्ति क्यों? आंध्रप्रदेश में भी इसी मामले में कार्रवाई को लेकर वहां के मुख्यमंत्री ने कोई हो हल्ला नहीं मचाया । आगे कहा कि जो काम कांग्रेस की स्थानीय सरकार को करनी चाहिए थी, जिस ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अभियान चलाना चाहिए था, उसके उलट – जैसा कि ईडी के प्रेस रिलीज में आरोप है, शासन के उच्च स्तरीय लोग अपराधियों से वसूली में लगे थे और संरक्षण दे रहे थे। जब-जब सट्टेबाजों के खिलाफ आवाज उठायी जाती थी, तब-तब रसूखदारों के कमीशन का रेट बढ़ जाता था। ईडी की कार्यवाही छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश पुलिस दर्ज FIR की बुनियाद पर की जा रही है। और ईडी की अब तक की जाँच के मुताबिक सट्टे का यह नेटवर्क हजारो करोड़ रूपये का है । छत्तीसगढ़ के गरीब और भोले भाले युवाओं को ऑनलाइन जुए की लत लगाकर इस बेदर्दी से संस्थागत लूट की जितनी निंदा की जाय, वह कम है।
इस महीने की 10 तारीख को गुढ़ियारी पुलिस द्वारा दर्ज मामले में पता चला है कि किस तरह इस गिरोह के लोग भोलेभाले लोगों के आधार कार्ड और दस्तावेज हासिक करके फर्जी बैंक खाते खुलवा रहे थे और इन खातों के जरिये करोड़ों का अवैध लेन-देन किया जा रहा था। अनेक बेनामी खाते और चेकबुक का भी दुरुपयोग किया गया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने अपने बयानों में स्पष्ट किया है कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय के शक्तिशाली अधिकारियों और महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञों को महादेव एप्प के संचालकों से वसूले गए करोड़ों रुपए प्रोटेक्शन मनी के रूप में देता रहा है। ईडी ने अपने अभियोजन पत्र में यह भी लिखा कि एडिशनल एसपी रैंक के अफसरों को 65 लाख रुपए महीने ऐप संचालकों की तरफ से रिश्वत के रूप में दिए जा रहे थे। ऐसी स्थिति में इनसे उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोगों को कितना पैसा मिलता होगा इसका अनुमान लगाना बहुत कठिन नहीं है। वर्तमान में महादेव एप्प और इसके सहयोगी रेड्डी अन्ना के 50 लाख यूजर्स अनुमानित है। इन यूजर्स के माध्यम से इस गिरोह के सरगना करीब एक हजार करोड़ से भी अधिक धन विदेश भेज रहे है। इस काम में गिरोह ने तकरीबन 20 हजार कॉर्पोरेट, करंट, सेविंग बैंक खातों और तकरीबन 250 से ज्यादा शैल कंपनियों का इस्तेमाल करते आ रहा है। भूपेश बघेल ने इतने बड़े पैमाने पर हो रही इस लूट पर समय रहते एक्शन क्यों नहीं लिया। अगर उनमें जरा भी नैतिकता है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।