रायपुर। आखिरकर दुर्ग जिले में लाकडाउन लगा दिया गया है। छह अप्रैल से यह प्रभावी हो जाएगा। जून में जिले के तीन निकायों का चुनाव भी संभावित है। लाकडाउन के बाद क्या स्थिति बनेगी तथा आगामी दो महीने में किस तरह से चुनावी तैयारी हो पाएगी इसे लेकर राजनीतिक दल संशय में है। अपने अपने मुहल्ले में नेताजी सक्रिय हो चुके थे। पार्षदी का चुनाव लड़ने का ख्वाब देखने वालों को अब और इंतजार करना होगा। संक्रमण काल में मुसीबत बढ़ती जा रही है।
बता दें कि बीते बुधवार को चुनाव आयोग की बैठक हुई। जिसमें छत्तीसगढ़ के 13 निकायों सहित भिलाई निगम, रिसाली निगम तथा जामुल नगर पालिका के चुनाव को लेकर तैयारी किए जाने के निर्देश जिला निर्वाचन आयोग को मिला है। इन तीनोंं निकायों का वार्ड परिसीमन, आरक्षण तथा मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो चुका है। जिला प्रशासन बाकी तैयारी कर रहा है।
ऐसे में कोरोना के चलते जिले के बिगड़ते हालात ने भाजपा और कांग्रेस के रणनीतिकारों को चिंता में डाल दिया है। जून में चुनाव होना है, ऐसे में राजनीतिक दलों के पास सिर्फ दो महीने है। इन दो महीने में बैठक, पार्षद प्रत्याशी का चयन, टिकट वितरण, चुनावी रणनीति, चुनाव प्रचार किस तरह से होगा इसे लेकर राजनीतिक दल विचित्र स्थिति में फंस गए हैं।
हालांकि उनका यह भी कहना है कि उनकी तैयारी पहले से चल रही है। प्रत्याशी चयन से लेकर बूथ स्तर तक बैठक भी ली जा चुकी है। कौन जीतने वाला उम्मीदवार है तथा कौन कहां से लड़ेगा इसे लेकर मंथन चल रहा है। चुनाव की घोषणा होते ही वह लिस्ट भी फाइनल हो जाएगी।’हमारी तैयारी तो पहले से चल रही है। हम चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार भी हैं और जीतेंगे भी।