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अब, बीजेपी में आए टीएमसी नेताओं को रोके रखना बड़ी चुनौती

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मोदी टीम के हौंसले बुलंद थे और तब न केवल 200 से ज्यादा सीटें जीतने के बढ़चढ़ कर दावे किए जा रहे थे, बल्कि हर रोज टीएमसी नेताओं की बीजेपी में एंट्री करवाते हुए यह कहा जा रहा था कि चुनाव तक टीएमसी में अकेली ममता रह जाएंगी, लेकिन…. विधानसभा चुनाव के नतीजों ने न केवल बीजेपी के सत्ता के सपने ढेर कर दिए, वरन अब बीजेपी के समक्ष, टीएमसी से बीजेपी में गए नेताओं को संभालने की चुनौती और खड़ी हो गई है? वजह, टीएमसी से बीजेपी में गए कई नेताओं में घर वापसी की बेचैनी बढ़ती जा रही है!

लंबे समय से पश्चिम बंगाल में बीजेपी का जो पॉलिटिकल मेकअप था, उसे इन चुनावों ने धो कर रख दिया है, लिहाजा अगले लोकसभा चुनाव में भी इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता है.
यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब मुकुल रॉय से बातचीत की और उनकी पत्नी का हालचाल पूछा, तो इसके बाद राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, क्योंकि यह बातचीत टीएमसी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी के अचानक अस्पताल का दौरा करने के बाद हुई है.

खबरों की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रॉय को सुबह फोन किया और उनकी पत्नी का हालचाल पूछा. उन्होंने बीजेपी के रॉय को हर तरह की मदद का आश्वासन भी दिया. मुकुल रॉय ने कहा कि यह शिष्टाचार प्रदर्शन वाली बातचीत थी, लेकिन इसके बाद बंगाल की राजनीतिक चाय के प्याले में तूफान तो आना ही था.

उल्लेखनीय है कि मुकुल रॉय भी कुछ समय पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे और रिपोर्ट नेगेटिव हो जाने के बाद वे अस्पताल से लौटे थे. इस 10 मई को मुकुल रॉय की पत्नी कृष्णा रॉय भी कोविड की गिरफ्त में आ गयीं. हालांकि, इलाज के बाद उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आयी पर फेफड़े में गड़बड़ी होने के कारण उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया गया.खबरों का कहना है कि टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी भी बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय की पत्नी को देखने अपोलो अस्पताल गए थे, जहां वह भर्ती हैं. अभिषेक बनर्जी, मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय से अस्पताल में मिले और उनकी मां के जल्दी ठीक हो जाने की शुभकामना की.

गौरतलब है कि मुकुल रॉय और उनके बेटे, दोनों ही बीजेपी में शामिल होने से पहले टीएमसी में थे. मुकुल रॉय 2017 में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. उनकी सियासी क्षमता के कारण ही बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीतीं थी.

ये सियासी संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि हाल में संपन्न राज्य विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद अब मुकुल रॉय टीएमसी में वापस आ सकते हैं.

सियासी सयानों का मानना है कि टीएमसी के नेताओं का बीजेपी में लंबे समय तक रहना और अपने आप को बीजेपी के अनुरूप ढालना इतना आसान नहीं हे, इसलिए बहुत संभव हैं कि कई नेता बीजेपी से टीएमसी में लौट आएं!

Patrika Look

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