छत्तीसगढ़

बिजली कटौती और लो वोल्टेज से सूखने लगी धान की फसल

छुरा। विकासखंड के ग्रामीण अंचलों में बिजली कटौती व लो वोल्टेज से रबी फसल फसल सूखने लगी है। वहीं किसानों ने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी के रवैए से किसान व ग्रामीण बहुत ही ज्यादा परेशान हैं। किसान अपने फसल बचाने में असफल नजर आ रहे हैं।

किसान साहूकारी कर्ज लेकर खाद, दवाई, मताई से लेकर ट्यूबवेल पर खर्च कर चुके हैं, जबकि फसल अभी निकलने का समय है और विभाग द्वारा विद्युत कटौती और लो वोल्ट बहुत ज्यादा की जा रही है जिससे फसल सूख रही है जबकि किसानों की फसल को बचाने के लिए इस समय पानी की अत्यंत आवश्यकता है। इसी समय बिजली कटौती से फसल मरने के लगी है। किसानों की हालत अत्यंत दयनीय हो गई है। किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। किसानों की सुध लेने वाले कोई नहीं भगवान भरोसे जी रहे हैं। किसान एक तरफ राज्य सरकार के द्वारा सरप्लस बिजली के ढिंढोरा पीट रहे हैं जबकि दूसरे तरफ किसान लो वोल्टेज व बिजली कटौती से परेशान हैं। वास्तविक कुछ और इसी प्रकार कुछ क्षेत्रों में तो कई किसानों ने अपनी फसल मवेशी के हवाले कर दिया और ग्राम मुड़ागांव, रानीपरतेवा, करकरा, कोरासी, खडमा, मडेली, पीपरछेड़ी, जरगांव, लोहझर, रवेली, कनेसर, पक्तियां, जुनवानी, द्वारतरा, करचाली, देवसरा, भैरा, नावापारा, सजापाली, गोदलाबाहरा, पाठर्शिवनी, परसदा, देवगांव आदि ग्रामों में ट्यूबवेल लो वोल्टेज की वजह से पानी तो दूर स्टार्ट ही नहीं हो रहा है। इधर उधर करके जैसे तैसे फसल को बचाने की लाख कोशिश किया जा रहा उसके बावजूद भी किसानों के फसलों में पानी पल नहीं रहे हैं, वो भी सुबह-शाम कोई भी समय बिजली गुल होने से किसानों की फसल मरने की स्थिति में है। अगर यही स्थिति रही तो कभी भी फसल मर सकती है। वर्तमान में कोरोना जैसी महामारी से किसानों की हालत बहुत ज्यादा गंभीर है। ऐसे समय में अगर बिजली कटौती की समस्या दूर नहीं होती है तो किसान बर्बाद हो जाएंगे। किसान अपने फसल को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन बिजली विभाग द्वारा लगातार कटौती और लो वोल्टेज से किसान त्रस्त हो गए हैं।

Patrika Look

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