हरदीबाजार। पाली विकासखंड अंतर्गत ग्राम नोनबिर्रा निवासी चंद्रभवन सिंह गोंड़ व उसकी पत्नी सुशीला गोंड़ अपनी पुत्री के साथ ग्राम पंचायत रतिजा व नोनबिर्रा दोनों गांव की सीमा के बीच लगभग 20 साल से कच्चा मकान बनाकर निवास कर रहा है। ग्राम पंचायत रतिजा के सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक ने आदिवासी गरीब पीड़ित परिवार के घर को अपने कब्जे में लेकर गौठान बना दिया है। गौठान के चारों तरफ तार की फेंसिंग भी कर दिया गया है।
पीड़ित ने सरपंच-सचिव से मकान को छोड़कर कुछ दूरी में गौठान बनाने की बात कही तो कहा गया कि तुम्हें तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटन प्राप्त हुआ है जिसकी राशि 25000 रुपये निकाल चुके हैं। चंद्रभवन हरदीबाजार तहसील में 2016 में 1000 रुपये का अर्थदंड भी जमा कर चुका है। शासन की योजना के तहत उस जमीन पर शौचालय निर्माण हो गया है। इसके अलावा चंद्रभवन के पास न तो जमीन रहा और न ही आबंटन की राशि बची है। रतिजा के सरपंच-सचिव ने दबंगई पूर्वक मकान को अपने कब्जे में लेकर तार फेंसिंग कराकर चारों तरफ से गौठान बना दिया है। चंद्रभवन को कहीं दूसरे जगह गांव में ही घर बनाने पंचायत की ओर से कहा जा रहा है। इस संबंध में सरपंच खिलावन सिंह कंवर ने कहा कि चंद्रभवन सिंह गोंड़ जहां रह रहा है वह शासकीय जमीन है। उस मकान को छोड़कर कहीं दूसरी जगह मकान बनाने कहा गया है। पंचायत की ओर से घर बनाने के लिए जगह दिया जाएगा। जमीन अभी चिन्हित नहीं हुई है।