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परवीन बाबी: स्टारडम, तीन आशिक़ और तन्हाई में मौत…स्टार, जिसे मुकम्मल जहां नहीं मिला
परवीन बाबी सिनेमाई पर्दे पर वह सबकुछ 70 के दशक में कर रही थीं, जो अपनी चाहत, आधुनिकता और आत्म निर्भरता के लिए महिलाएं आज करना चाहती हैं.
यक़ीन ना हो तो दीवार का वो दृश्य याद कीजिए जिसमें अमिताभ एक बियर बार में बैठे हैं और वहां उनको अकेला देखकर परवीन बाबी पहुंच जाती हैं और बिना जान पहचान के बातचीत शुरू करती हैं.
एक हाथ में सिगरेट और दूसरे में शराब का प्याला. एकदम कॉन्फ़िडेंट और स्कर्ट का डिज़ाइन ऐसा कि टांगें बाहर झांकती नजर आती हैं.
ये तो महज़ एक दृश्य भर है, परवीन बाबी का पूरा करियर ऐसे ही दृश्यों से पटा पड़ा है जिसमें वो अपने दौर को बदलती दिखाई देती हैं.
एक ऐसी लड़की के किरदार में जो कामकाजी है, आत्म निर्भर भी है और शादी से पहले अपने पुरुष मित्र के साथ जिस्मानी रिश्ता बनाने से भी उसे कोई परहेज़ नहीं है.