जिले में मरीजों के जान से खिलवाड़ झोलाछाप डॉक्टरों का, जिला स्वास्थ्य टीम को दिखाते हुए ठेंगा
जिला ड्रग इंस्पेक्टर कर रहे खानापूर्ति दवाई दुकानों में नहीं करते रूटिंग जांच
कोंडागांव। सरकार द्वारा लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए गांव तक हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर,निशुल्क स्वास्थ्य योजनाएं ,जेनेरिक दवा दुकानें आदि तमाम योजनाएं चला रही तथा जिले में बगैर डिग्री के काम करने वाले झोलाछाप डॉक्टरो के खिलाफ जांच व कार्यवाही के लिए कलेक्टर कोंडागांव पुष्पेंद्र कुमार मीणा द्वारा स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है ,लेकिन जिले में झोलाछाप चिकित्सकों पर अंकुश नहीं लग रहा।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली शामपुर में झोलाछाप चिकित्सक उपचार करता है।चिकित्सक के पास उपचार कराने पहुंचे कुछ मरीजों ने बातचीत में नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया चिकित्सक के पास उपचार कराने पिछले कई महीनों से आ रहे ,बीमारी के अनुसार उपचार करने निर्धारित राशि तय कर उपचार करता है। जो कई हजारों में होती है, जिसे किस्तों में देनी होती है। ग्रामीणों की शिकायत पर रविवार को ग्राम सामपुर में चिकित्सक के आवास में पहुंची , जहां घर से बाहर मरीज खड़े दिखे , छोलछाप चिकित्सक द्वारा महिला मरीज का उपचार करते इंजेक्शन लगाते व दवाइयां देते छोलछाप चिकित्सक कैमरे में कैद हुआ।
छोलछाप चिकित्सक का दावा
चिकित्सक ने अपना नाम प्रकाश वैद्य निवासी उमरकोट उड़ीसा बताया, खुद को अनुभवी चिकित्सक होने का दावा करते कहां पिछले कई वर्षों से गंभीर से गंभीर मरीजों का उपचार करने सहित अन्य जगहों में भी जाकर उपचार करने की बात कही, उच्च स्तर पर अपनी पहुंच होने का दावा किया।। बता दें शहर से लेकर गांव गांव तक झोलाछाप चिकित्सकों की भरमार है। इन अनाड़ी चिकित्सकों के हाथों में मरीजों की जान है।जो ठेके पर उपचार का दावा करते लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे।गरीबी अज्ञानता व उचित जानकारी के अभाव में मरीज इन झोलाछाप चिकित्सकों पर अपना भरोसा जताते सामान्य बीमारियों का उपचार कराने मेहनत की राशि लुटा रहे। कोरोना संक्रमण में कमी आने के बाद झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा मरीजों से उपचार के नाम लूट का कारोबार बेखौफ जारी है।वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एसे झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्यवाही भी करते है, लेकिन कुछ महीने दुकान बंद रखने के बाद घर घर जाकर उपचार में जुट जाते हैं।
जिला ड्रग इंस्पेक्टर कर रहे खानापूर्ति
आपको बता दें कि जिले।में ड्रग इंस्पेक्टर की टीम भी सिर्फ ओर सिर्फ खानापूर्ति ही करते हुए दिखाई देता हैं। जहां एक ओर जिले में छोलछाप डॉक्टरों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते दिखाई देते तो वही जिले में संचालित दवाई दुकानों में रूटिंग जांच नहीं किया जाता है जिसके चलते अमानक व प्रतिबंधिक दवाइयां की ब्रिक्री बेखौफ बिकने की खबर सूत्र बता रहे हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि दवाई दुकानों में जिनके नाम से लाइसेंस हैं वे लोग दवाई दुकान से नदारत रहते हैं और किसी अन्य लोगो के द्वारा दवाई दुकान को संचालित किया जा रहा है जजिसके एवज में ड्रग इंस्पेक्टर को बड़ी रकम देने की सूचना विश्वसनीय सूत्र बता रहे हैं तभी तो जिले में संचालित दवाई दुकानों में कार्यवाही नहीं होते दिखाई देता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोंडागांव डां टी आर कुँवर से संपर्क नहीं हो सका
पुष्पेंद्र कुमार मीणा, कलेक्टर कोंडागांव
-यदि इस तरह की शिकायत सामने आ रही ,तो जांच के पश्चात सख्त कार्यवाही होगी।