देश विदेश

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का संसद के समक्ष अभिभाषण


दिल्ली। पत्रिका लुक

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के द्वारा आज अपना पहला संसद में अभिभाषण दिया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने संसद के इस समवेत सत्र को संबोधित करते हुए कहां कि मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। कुछ ही महीने पहले देश ने अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करके आज़ादी के अमृतकाल में प्रवेश किया है। आज़ादी के इस अमृतकाल में हजारों वर्षों के गौरवशाली अतीत का गर्व जुड़ा हैए भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की प्रेरणाएं जुड़ी हैं और भारत के स्वर्णिम भविष्य के संकल्प जुड़े हैं। अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंडए स्वतन्त्रता की स्वर्णिम शताब्दी काए और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है। ये 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा करके दिखाने के हैं। यह हमारे सामने युग निर्माण का अवसर हैए और हमें इस अवसर के लिए शत.प्रतिशत सामर्थ्य के साथ हर क्षण कार्य करना है। हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जो अतीत के गौरव से जुड़ा होए और जिसमें आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो। हमें ऐसा भारत बनाना हैए जो आत्मनिर्भर हो और जो अपने मानवीय दायित्वों को पूरा करने के लिए भी समर्थ हो। ऐसा भारत . जिसमें गरीबी न होए जिसका मध्यम वर्ग भी वैभव से युक्त हो। ऐसा भारत . जिसकी युवाशक्ति और नारीशक्तिए समाज और राष्ट्र को दिशा देने के लिए सबसे आगे खड़ी हो। जिसके युवा समय से दो कदम आगे चलते हों। ऐसा भारत . जिसकी विविधता और अधिक उज्ज्वल हो। जिसकी एकता और अधिक अटल हो।2047 में देश जब इस सच्चाई को जीवंत करेगा तो निश्चित रूप से उस भव्य निर्माण की नींव का अवलोकन और आकलन भी करेगा। तब आज़ादी के अमृतकाल की इस प्रथम बेला को एक अलग आस्था के साथ देखा जाएगा। इसलिए आज अमृतकाल का यह समयए यह कालखंड बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। जो भारत कभी अपनी अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर थाए वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है। जिन मूल सुविधाओं के लिए देश की एक बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतज़ार कियाए वे इन वर्षों में उसे मिली हैं। जिस आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की हम कभी कामना करते थेए वह इन वर्षों में देश में बनना शुरू हुआ है। आज भारत में एक ऐसा डिजिटल नेटवर्क तैयार हुआ हैए जिससे विकसित देश भी प्रेरणा ले रहे हैं।   बड़े.बड़े घोटालोंए सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जिन समस्याओं से देश मुक्ति चाहता थाए वह मुक्ति अब देश को मिल रही है। पॉलिसी पैरालिसिस की चर्चा से बाहर आकर आज देश की पहचान तेज विकास और दूरगामी दृष्टि से लिए गए फैसलों के लिए हो रही है। इसलिए हम दुनिया की 10वें नंबर की अर्थव्यवस्था से पांचवें नंबर पर पहुंच गए हैं। आज भारत मेंए एक स्थिरए निडरए निर्णायक और बड़े सपनों के लिए काम करने वाली सरकार है। आज भारत में ईमानदार का सम्मान करने वाली सरकार है। आज भारत में गरीबों को स्थाई समाधान और उनके स्थाई सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली सरकार है। आज भारत में अभूतपूर्व स्पीड और स्केल पर काम करने वाली सरकार है। आज भारत में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के माध्यम से जनकल्याण को सर्वोपरि रखने वाली सरकार है। आज भारत में महिलाओं के सामने से हर बाधा को दूर करने वाली सरकार है। आज भारत में प्रगति के साथ ही प्रकृति का भी संरक्षण करने वाली सरकार है। आज भारत में विरासत के संरक्षण के साथ ही आधुनिकता को बढ़ावा देने वाली सरकार है। आज भारत में अपनी वैश्विक भूमिका को लेकर आत्मविश्वास से आगे बढ़ने वाली सरकार है।

सूत्र-pib

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *