रायपुर। दालें प्रोटीन का प्रमुख स्त्रोत होती है, लेकिन इन दिनों कोरोना काल में भी राजधानी रायपुर में दालों के साथ ही खाद्य तेलों की कीमतों में जबरदस्त तेजी आ रही है। बताया जा रहा है कि इसका प्रमुख कारण कोरोना संक्रमण के चलते जिला प्रशासन द्वारा किए गए लॉकडाउन के चलते अनाज की सप्लाई व्यवस्था बिगड़ने को माना जा रहा है। इसकी वजह से इनकी अघोषित किल्लत पैदा होने से कीमतें भी बढ़ने लगी है।
इसके साथ ही बताया जा रहा है कि रात में माल लाने व ले जाने के लिए भाड़ा भी बढ़ा दिया गया है। इन दिनों दूसरी बड़ी समस्या बड़ी कंपनियों व मुख्य बाजारों के संस्थानों से बंद हुई होम डिलीवरी के कारण आ रही है। गौरतलब है कि बेस्ट प्राइस जैसी बड़ी बड़ी कंपनियों के साथ ही सुपर बाजार व मुख्य बाजार स्थित अनाज संस्थानों की होम डिलीवरी पर रोक है। इसकी वजह से पहले से जिन लोगों ने आर्डर दिए हुए है, उनकी डिलीवरी अटक गई है।
अनाज कारोबारी प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि इन दिनों सप्लाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई है। इसकी वजह से कुछ खाद्य सामग्रियों की किल्लत होते जा रही है। साथ ही रात में आटो व गाड़ी वालों ने भाड़ा भी बढ़ा दिया है। रात में थोक बाजार जाकर वहां से माल मंगाना भी परेशानियों भरा है। कारोबारी मनीष राठौड़ का भी कहना है कि होम डिलीवरी बंद होने से उनके पास भी लोगों के ऑर्डर पूरे जाम हो गए हैं। इन दिनों सामानों की किल्लत भी शुरू हो गई है।
खाद्य तेल 20 रुपये महंगे और दालों में आठ से दस रुपये किलो की वृद्धि
इन दिनों खाद्य तेलों व दालों की कीमतों में जबरदस्त उछाल बनी हुई है। लॉकडाउन के पहले जो खाद्य तेल 150 से 170 रुपये लीटर बिक रहा था। वह खाद्य तेल अभी 170 से 190 रुपये लीटर में बिक रहा है। वहीं, दालों की कीमतों में भी आठ से 10 रुपये किलो की तेजी है। विशेषकर राहर दाल व चना दाल की कीमतों में तेजी है।
80 से 100 रुपये किलो में बिकने वाली राहर दाल इन दिनों 90 से 110 रुपये किलो बिक रही है। इनके साथ ही आटा व मैदा की तो किल्लत की स्थित आ गई है। कारोबारियों का कहना है कि कीमतें बढ़ने का मुख्य कारण सप्लाई व्यवस्था का बिगड़ना है। इसकी वजह से ही बाजार में अघोषित किल्लत पैदा होती जा रही है।
होम डिलीवरी के लाखों के ऑर्डर अटके
बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ ही सुपर बाजार व मुख्य बाजार स्थित संस्थानों के पास आए होम डिलीवरी के ऑर्डर अटक गए हैं। इसकी वजह से परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है। इन दिनों गली-मुहल्लों की दुकानें खुली हैं।