बेमेतरा की सभा को संबोधित करते किया ऐलान जानिए पूरा बयान
रायपुर। पत्रिका लुक
इस समय देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। इसमें छत्तीसगढ़ में दूसरे और अंतिम चरण के मतदान को लेकर आज आखरी दिन था।इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों ने पूरे चुनाव में किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया।
परंतु आज राहुल गांधी ने बेमेतरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के लिए मुख्यमंत्री का नाम एलान कर ही दिया। राहुल ने मंच से भूपेश बघेल का नाम लेकर कहा, आपको फिर से किसानों की कर्जमाफी के कागजात पर सिग्नेचर करना पड़ेगा।फिर से कर्जा माफ करना पड़ेगा।राजनीतिक पर्यवेक्षक इसे राहुल गांधी का बड़ा सियासी दांव मान रहे हैं।बता दें कि हाल ही के दिनों पूरी की पूरी भाजपा भूपेश बघेल को भ्रष्टाचार में लिप्त होने की बात कर बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था।जिसे राहुल गांधी के एलान ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी इस तरह के आरोपों से कोई इत्तफाक नहीं रखती।
छत्तीसगढ़ राज्य के परिपेक्ष में हालांकि यह स्पष्ट था कि कांग्रेस यदि फिर से कहीं बहुमत में आई तो भूपेश बघेल ही मुख्यमंत्री होंगे।जिसका एलान अब तक नहीं हुआ था।जिसे आखिरकार राहुल गांधी ने आज चुनाव प्रचार के आखरी दिन कर दिया।कहा तो यह भी जा रहा है कि इस बात का एलान पहले से ही हो गया रहता तो कांग्रेस को इसका और लाभ मिलता।आइये राहुल गांधी ने क्या कहा जानते हैं। राहुल गांधी ने मंच से सीएम भूपेश बघेल से कहा कि आपको याद होगा मैनें आपसे कहा था कि पहला निर्णय चीफ मिनिस्टर का पहला सिग्नेचर किसान के कर्जा माफी के फाइल पर जाएगा। आपने अपना हस्ताक्षर उस फाइल पर किया और लाखों किसानों को फायदा हुआ, छत्तीसगढ़ को फायदा हुआ। मैं फिर से स्टेज से कह रहा हूं आपको फिर से सिग्नेचर करना पड़ेगा, फिर से कर्जा माफ करना पड़ेगा।
राहुल गांधी के इस वक्तव्य से साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के अलावा मुख्यमंत्री का कोई विकल्प नहीं है।कांग्रेस बहुमत में आई तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही होंगे।बेमेतरा में राहुल गांधी जब इस बात का एलान कर रहे थे तो पूरी कांग्रेस की और संभावित दावेदार नेताओं की नजर भी इस बात पर रही।हालांकि एक दावेदार टीएस सिंहदेव तो पहले ही बोल चुके हैं कि दुबारा कांग्रेस की सरकार बनी तो भूपेश भाई ही मुख्यमंत्री होंगे।पर राहुल गांधी के आज इस एलान के बाद इस मुद्दे पर ही अब विराम लग गया है और संभावना है कि 3 दिसंबर को मतगणना के बाद नई सरकार का गठन भी जल्दी हो जाएगा।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में ईडी,आईटी की ताबड़ तोड़ कार्यवाही विगत सालों से चले आ रही है।बावजूद केन्द्र की कोई भी एजेंसी मुख्यमंत्री बघेल का बालबांका भी नहीं कर सका।बल्कि भूपेश बघेल मोदी और शाह पर भारी पड़ते चले गए। उनकी खुली चुनौती ने जिस दमदारी के साथ परिस्थितियों का मुकाबला किया शायद दूसरे किसी नेता के वश की बात नहीं थी।भूपेश बघेल की इस आक्रामकता ने दिल्ली में भी कई बड़े नेताओं को पीछे कर दिया और वे गांधी परिवार के साथ-साथ केंद्रीय नेतृत्व के समकक्ष बन गए।आज स्थिति ये है कि भूपेश बघेल जो बोल दें दिल्ली मना करने की स्थिति में नहीं है।