छत्तीसगढ़

वन अधिकार पत्र मिलने से जमीन का मालिक बना रामू धान की फसल के साथ सब्जी की फसल लेकर बढ़ा रहा आमदनी

नारायणपुर। अबुझमाड़ के नाम से प्रसिद्ध नारायणपुर जिला जंहा मुख्यतः अबूझमाड़िया जनजातियों की बाहुल्यता है। यहां के आदिवासी वनों एवं वनों पर आधारित उद्योगों पर आश्रित थे, जो अब राज्य शासन की योजनाओं का लाभ लेकर फसल एवं सब्जी का भी उत्पादन करने लग गए हैं। अब ये निवासी कृषि और वनोपज संग्रहण के माध्यम से आमदनी प्राप्त करने लग गये हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का वन क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को वनभूमि का अधिकार प्रदान करना सर्वाेच्च प्राथमिकता में है, जिससे वनग्राम के रहवासी लाभान्वित हो रहे है। नारायणपुर जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पालकी के श्री रामू कुमेटी अपने काबिज वनभूमि का अधिकार पाकर बहुत खुश है। श्री रामू कुमेटी को 3 एकड़ जमीन का वनाधिकार पत्र प्रदान किया गया है। वनभूमि का मालिकाना हक मिलने के बाद अब उनका जीवन खुशहाल है। रामू ने बताया की अब वह खेत में द्विफसलीय धान की खेती कर रहा है। वहीं सब्जी की फसल लगाकर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त कर रहा है। वन अधिकार पत्र मिलने से वह निश्चिंत होकर खेती कर रहे हैं। उनके खेत मे नलकूप खनन भी कराया गया है, जिससे उन्हें फसलों की सिंचाई में बहुत सहूलियत होती है। श्री रामू ने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत उनके खेत में डबरी का निर्माण किया गया है, जिससे फसलों को पानी देने में अब दिक्कत नहीं होती है और फसल का अच्छा उत्पादन भी हो रहा है। सरकार ने हम भूमिहीनों की चिंता करते हुए इस दिशा में प्रयास कर जो लक्ष्य निर्धारित किये थे, वे अब साकार होते दिख रहे हैं। श्री रामू ने बताया कि आवास योजना के तहत उनके परिवार के लिए पक्का मकान बनाया गया है, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहते हैं। वे बताते हैं कि पहले कच्चे मकान में बारिश के मौसम में असुविधा होती थी एवं मरम्मत कार्य में भी बहुत खर्च होता था, अब पक्का आवास होने के कारण बारिश के दौरान ज्यादा मरम्मत करने की आवश्यकता नही पड़ती।


ज्ञातव्य है कि अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत् 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व वन भूमि में काबिज हितग्राहियों को वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदाय किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सर्वाेच्च प्राथमिकता वनवासियों के अधिकारों की रक्षा एवं वनों का प्रबंधन स्थानीय समुदाय को सौंपने का है। मुख्यमंत्री श्री बघेल की इसी मंशा के अनुरुप जिले में वनाधिकार मान्यता पत्रों के प्रदाय में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त हुई है। जिले में कुल 4 हजार 920 व्यक्तिगत वनाधिकार मान्यता पत्रों के माध्यम से अधिकार प्रदान किया गया है। व्यक्तिगत वनाधिकार में कृषि भूमि, बाड़ी, आवासीय सुविधा एवं जीवन-यापन को उन्नत करने हेतु अन्य प्रयोजन की भूमि सम्मिलित है। राज्य सरकार की मंशानुसार जिले में अब तक 847 सामुदायिक वनाधिकार पत्रों का वितरण किया गया है। इसके तहत् गौण वनोत्पाद, जलाशय, चारागाह, जैव विविधता इत्यादि प्रयोजन हेतु भूमि का अधिकार ग्राम सभाओं के माध्यम से वनवासी समुदाय को प्रदान किया गया है। इसके साथ ही वनवासियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने हेतु अब तक उपेक्षित प्रावधान को प्राथमिकता देने के फलस्वरूप जिले में समुदाय को ग्राम सभाओं के माध्यम से 847 सामुदायिक वन अधिकार पहली बार प्रदान किये गये हैं, जिसके तहत मूल निवासियों को जल, जंगल एवं जमीन के संपूर्ण प्रबंधन उपयोग सहित संरक्षण एवं पुर्नजीवन हेतु संपूर्ण अधिकार पहली बार प्रदान किया गया है।

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