Uncategorized

राजस्व व खनिज विभाग की कार्रवाई अवैध उत्खनन एवं लाल ईट परिवहन करते 11 ट्रैक्टर को किया जब्त

कोंडागांव। जिले में पर्यावरण सुरक्षा के लिए नदी किनारे रेत के उत्खनन एवं लाल ईंटों के निर्माण पर कलेक्टर द्वारा रोक लगा दी गयी है। जिसके बावजूद अवैध रूप से रेत उत्खनन की शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग को ऐसे रेत परिवहन को रोकने एवं उनपर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत तहसीलदार गौतम चन्द पाटिल द्वारा खनिज विभाग के साथ संयुक्त टीम निर्मित कर प्रतिदिन हो रहे रेत एवं लाल ईंट परिवहन पर निगरानी की जा रही है। जिसके तहत विगत दिनों रेत का अवैध परिवहन करते 08 ट्रेक्टरों एवं लाल ईंट के 03 ट्रैक्टरों कुल 11 टैक्टरों को जप्त किया गया है। विदित हो कि कोंडागांव तहसील अन्तर्गत 25 से अधिक लाल ईंट भट्ठों पर जप्ती की कार्यवाही किया जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि लाल ईंटों के निर्माण के लिये बड़ी मात्रा में पेड़ों को काटा जाता रहा है। जिससे पर्यावरण को हो रही हानि को देखते हुए लाल ईंटों के इस्तेमाल पर कलेक्टर द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। इसके स्थान पर लोगों को फ्लाई ऐश ईंटों का इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। फ्लाई ऐश ईंटों के निर्माण में दहन प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं किया जाता है साथ ही इनसे आर्सेनिक जैसे हानिकारक तत्वों के भू-जल या पेयजल में मिलने का खतरा भी नहीं रहता है।

करते 11 ट्रैक्टर को किया जब्त

कोंडागांव। जिले में पर्यावरण सुरक्षा के लिए नदी किनारे रेत के उत्खनन एवं लाल ईंटों के निर्माण पर कलेक्टर द्वारा रोक लगा दी गयी है। जिसके बावजूद अवैध रूप से रेत उत्खनन की शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग को ऐसे रेत परिवहन को रोकने एवं उनपर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत तहसीलदार गौतम चन्द पाटिल द्वारा खनिज विभाग के साथ संयुक्त टीम निर्मित कर प्रतिदिन हो रहे रेत एवं लाल ईंट परिवहन पर निगरानी की जा रही है। जिसके तहत विगत दिनों रेत का अवैध परिवहन करते 08 ट्रेक्टरों एवं लाल ईंट के 03 ट्रैक्टरों कुल 11 टैक्टरों को जप्त किया गया है। विदित हो कि कोंडागांव तहसील अन्तर्गत 25 से अधिक लाल ईंट भट्ठों पर जप्ती की कार्यवाही किया जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि लाल ईंटों के निर्माण के लिये बड़ी मात्रा में पेड़ों को काटा जाता रहा है। जिससे पर्यावरण को हो रही हानि को देखते हुए लाल ईंटों के इस्तेमाल पर कलेक्टर द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है। इसके स्थान पर लोगों को फ्लाई ऐश ईंटों का इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। फ्लाई ऐश ईंटों के निर्माण में दहन प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं किया जाता है साथ ही इनसे आर्सेनिक जैसे हानिकारक तत्वों के भू-जल या पेयजल में मिलने का खतरा भी नहीं रहता है।

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *