सड़क की चोरी का अनोखा मामला…ठेकेदार धर्मेंद्र मिश्रा व अधिकारियों पर सड़क चोरी करने का ग्रामीण लगा रहे आरोप…
मामला प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का
बीजापुर। पत्रिका लुक (अनिल जंगम )
नक्सली प्रभावित क्षेत्र में सड़क चोरी का अजीबो गरीब मामला सामने आया है। आपको बता दें कि ठेकेदार व अधिकारी की मिलीभगत से गांव में विकास कार्य को रोकने के लिए 2.30 किलोमीटर सड़क बनाने की बजाए सड़क चोरी कर ली। यह आरोप हम नही लगा लगा रहे हैं बल्कि स्थानीय लोगों काआरोप लगते हुए सोशल मीडिया पर शेयर किया है। मिली जानकारी के अनुसार सड़क का नाम ,L0101-T05 चिंतनपल्ली से आदेड पैकेज क्रमांक CG17199 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ठेकेदार धर्मेंद्र मिश्रा ठेकेदार केशकाल निर्माण कार्य का आदेश जारी किया गया था,लेकिन अधिकारियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़क की चोरी कर शासन प्रशासन को लाखों का चूना लगाया है। ग्रामीणों का आरोप हैं कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनने वाली सड़क हमारे गांव से चोरी हो गई, प्रशासन को इस चोरी की भनक तक लगने नहीं दिया चोरों ने । ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क का चोरी का यह मामला कम होने के बजाय सड़क चोरी का मामला ओर भी सामने आ रहे हैं । सड़क चोरी कापहला का मामला नही है, हाल ही ने पुतकेल सड़क चोरी का मामला सामने आने के बाद लगातार लोगो के द्वारा सोशल मीडिया शेयर किया।
ग्रामीणों का आरोप हैं कि मिलीभगत से हुआ है घपला
अधिकारों और ठेकेदारों के मिले भगत से ग्राम पंचायत मोरमेड असरित ग्राम चिंतनपल्ली का रोड चोरी कर दूसरे गांव में बनाने का आरोप गांव के लोग लगातार लगा रहे हैं। आप को बता दे की चिंतनपल्ली से आदेड का रोड को ठेकेदार और अधिकारियों ने मिलकर चोरी कर ली 95,12 लाख रुपये का चूना लगाया है। इस पूरे मामले पर संबंधित अधिकारी गोल मोल जवाद दे रहे हैं।
ग्रामीणों ने कहा सड़क चोरी पर FIR हो
ग्रामीणों का कहना है की हमारे जब शासन ने हमारे गांव में सड़क निर्माण करने का आदेश जारी हुआ था तो फिर ठेकेदार व अधिकारी मिलकर सड़क को दूसरे गांव में कैसे बना दिया गया। गांव वालों को भनक तक नहीं लगने दी। इस पूरे मामले में संबंधित ठेकेदार व जवदेही संबंधित अधिकारियों पर FIR दर्ज के साथ ही उक्त राशि की वसूली की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसा दोबारा ना हो।
नक्सलियों का भय दिखा कर उठाते हैं फायदा
बीजापुर जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण अधिकारी व ठेकेदार उठाते हैं । बीजापुर में कई ऐसे मामले है जिन पर जांच होनी चाहिए लेकिन नक्सलियों का भय होना बताकर जांच से पल्ला झाड़ दिया जाता है। सड़क नहीं तो शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा नही, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं आभाव है जैसे शिक्षा व स्वास्थ्य,बिजली,पानी, राज्य शासन को पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। क्योकि उक्त क्षेत्र तक पहुंचने में सड़क नहीं है। सड़क नही है तो कैसे होगा प्रधान मंत्री का विकास का सपना साकार जब ठेकेदार व अधिकारी मिलकर विकास के आए पैसों का बंदरबाट कर दिया जाता हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़क के मामले को राज्य सरकार व जिला प्रसाशन संज्ञान में लेकर उच्च स्तरीय जांच टीम गठित कर जांच करें और संबंधित ठेकेदार व अधिकारी के कार्रवाही करें ।