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सरपंच का आरोप डिजिटल सिग्नेचर से 23 लाख से अधिक की राशि निकाला सचिव ने, कलेक्टर से शिकायत


कोंडागांव पत्रिका लुक।

कैसे होगा ग्रामीण क्षेत्रों का विकास जब विकास करने वाले ही अपने जेब करने लगे। हम बात कर रहे हैं विकास विहीन दूरस्थ अंचलो के  ग्राम पंचायतो में सड़क पुल पुलिया भवन आदि  आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए  राज्य व केंद्र सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की राशि जारी होती है । लेकिन इन गांवों तक पहुंचते-पहुंचते  विकास के नाम से जारी राशि जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण धरातल पर नहीं महज कागजी आंकड़ों तक सीमित हो रही है। ऐसा ही एक मामला ग्राम कडेनार से सामने आया। जनपद  कोंडागांव अंतर्गत ग्राम पंचायत कडेनार  के सरपंच ने पंचायत सचिव पर डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर लाखों रुपए की राशि हेराफेरी करने का आरोप  लगाते  मामले की जांच हेतु  कार्यालय कलेक्टर कोंडागांव को शिकायत पत्र सौंपा।

शंकर वट्टी सरपंच का आरोप

शंकर वट्टी सरपंच ग्राम पंचायत कडेनार ने सचिव द्वारा डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग करते  हुए वर्ष 2019 से अब तक विभिन्न योजनाओं  के लिए मिली राशि लगभग 23 लाख से की राशि का फर्जीवाड़ा कर निकालने का दावा किया  है। सरपंच ग्राम पंचायत कडेनार वट्टी के मुताबिक वर्ष 2019 में  सरपंच बनने के बाद कलेक्टर कार्यालय में बुलाकर डीएससी बनाने फोटो ,आधार व पैन कार्ड जमा करने काहा गया था लेकिन मुझे डिजिटल सिग्नेचर प्रदान नहीं किया गया। वहीं ग्राम सचिव ने  डीएससी  की समय सीमा समाप्त होने की बात कह जिला कार्यालय जाकर रिन्यूअल कराने की बात कही। उसी दौरान मुझे डीएससी बनाने वाले कर्मचारियों से जानकारी मिली ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर के लिए डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग होने की बात कही है । जिसके बाद ग्राम पंचायत द्वारा जारी राशि को ऑनलाइन  देखने पर सचिव द्वारा डिजिटल सिग्नेचर उपयोग करते  हुए वर्ष 2019 से अब तक पंचायत को विभिन्न योजनाओं व मदो से  मिली  राशि लगभग 23 लाख से अधिक की राशि का आहरण दिख रहा।

गजेंद्र देवांगन सचिव क्या कहना

वहीं इस पूरे मामले में गजेंद्र देवांगन सचिव ग्राम पंचायत कडेनार  का दावा है हम डीएससी  को ऑनलाइन कराने कंप्यूटर ऑपरेटरों को दे देते हैं । कैसे राशि आहरण हुआ मुझे जानकारी नहीं, ऑपरेटर ने आज ही मुझे डीएससी वापस किया है।

कौन सच्चा कौंन झूठा

इस पूरे मामले की जानकारी लगते ही सरपंच ने तत्काल कलेक्टर से शिकायत की है। वही सचिव के द्वारा  यह कहना कि इस पूरे मामले की जानकारी मुझे नहीं है यह  कहना कहा तक सही हैं। बरहाल जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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