देश विदेशबड़ी खबर

यमुना में कई लाशें दिखने से हड़कंप

हमीरपुर  | कोरोना के कारण श्मशानों और कब्रिस्तानों पर अंतिम संस्कार के लिए कतार लगने के बाद अब दिल दहलाने वाली खबरें आ रही हैं। हमीरपुर में शुक्रवार को जब यमुना नदी में अचानक से काफी शवों को बहते देखा गया तो हड़कंप मच गया और स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई। इन शवों की हकीकत जानने के लिए हमीरपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पता चला कि कानपुर और हमीरपुर जिलों के ग्रामीण इलाकों में लोगों की मृत्यु के बाद शवों को ग्रामीणों द्वारा यमुना में ही प्रवाहित किया जा रहा है। 

इस बारे में हमीरपुर के अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अनूप कुमार सिंह ने बताया है कि जब उनके प्रभारी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि ट्रैक्टर में दो शवों को लाया गया था और फिर उन्हें यमुना में बहा दिया गया। पुलिस के मुताबिक उन्हें नदी में और भी कई सारे शव बहते मिल गए।

इससे पहले बुधवार और गुरुवार को भी सात शव दिखाई दिये थे। जिला मुख्यालय में यमुना नदी पुल के पास शव उतराते दिखे तो लोगों में अफरातफरी मच गई। तीन शव कानपुर के सजेती थाने की सीमा में थे, जबकि चार हमीरपुर की ओर मिले। कुछ लोग यमुना पुल पर थे, तभी उन्हें थोड़ी-थोड़ी दूर पर शव उतराते दिखे। इनमें कुछ शवों के ऊपर कपड़ा पड़ा था। एक शव रेत में अधजली अवस्था में था। कोतवाल मनोज कुमार शुक्ला, एसआइ गौरव चौबे, मनोज पांडेय, नीरज पाठक समेत बड़ी संख्या में फोर्स पहुंची और जांच की। नायब तहसीलदार ने मोबाइल फोन से उतराते व अधजले शव की वीडियोग्राफी की। एएसपी ने बताया कि मौत के बाद लोग यमुना नदी में अंतिम संस्कार करते हैं। कई बार शव प्रवाहित भी कर देते हैं। ये शव उनमें से ही हो सकते हैं। अधजले समेत चार शव कानपुर के सजेती थाने की सीमा होने से वहां सूचना दी गई है। शव निकालकर जांच कराने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।  

इस खौफनाक मंजर के गवाह स्थानीय बच्चे भी हैं जिनके सामने ही कई शवों को यमुना में प्रवाहित किया गया है। वे बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों में कई शवों को ऐसे ही लाया जाता है और फिर यमुना में बहा दिया जाता है। हमीरपुर जिले में बहने वाली यमुना नदी का उत्तरी किनारा कानपुर में लगता है और दक्षिणी किनारा हमीरपुर में लगता है यानी की यमुना नदी कानपुर और हमीरपुर जिलों की सीमा रेखा के रूप में बहती है। 

यमुना नदी को कानपुर और हमीरपुर जिले के लोग मोक्षदायिनी कालिंदी के रूप में मानते हैं और मत्यु होने पर इसी यमुना में जल प्रवाहित किए जाने की पुरानी परंपरा भी है। यमुना नदी में इक्का दुक्का शव तो हमेशा देखे जाते रहे हैं पर कोरोना काल में इस नदी में शवों की संख्या में तेजी आ गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण इलाकों में कितनी बड़ी तादाद में लोगों की मौत हो रही है।

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *