10 जून को एक बड़ी खगोलीय घटना होगी। इस दिन रिंग ऑफ फायर दिखाई देगा। दरअसल इस दिन साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। वहीं बड़ा दुर्लभ दृश्य दिखने को मिलेगा क्योंकि सूरज, चांद और पृथ्वी एक लाइन में आएंगे। यह ग्रहण भारत में सिर्फ लद्दाख व अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में ही नजर आएगा। शेष हिस्सा ग्रहण की छाया से मुक्त रहेगा। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ सौर विज्ञानी डा. वहाबउद्दीन के मुताबिक, यह पहला सूर्यग्रहण उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। कनाडा, यूरोप, रूस, ग्रीनलैंड, उत्तरी एशिया व उत्तरी अमेरिका में ग्रहण नजर आएगा। ग्रहण अपराह्न 1.42 बजे शुरू होगा और शाम 6.41 बजे तक रहेगा। इस खगोलीय घटना में सूर्य रिंग आफ फायर यानी आग के छल्ले से घिरा हुआ जैसा नजर आएगा।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पूर्ण सूर्यग्रहण का महत्व अधिक होता है। इसमें सूर्य के कोरोना (बाहरी आवरण) को देखा जा सकता है। कोरोना का अध्ययन करने का अवसर विज्ञानियों को मिलता है। जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण का खगोलीय अध्ययन के लिहाज से अधिक महत्व नहीं है, हालांकि यह दृश्य रोमांचक होता है। इस वर्ष का अगला व अंतिम सूर्यग्रहण चार दिसंबर को होगा।