एक्टर सोनू सूद के मानवतावादी कार्य उन्हें देश भर से सराहना दिला रहे हैं। एक्टर कोरोना महामारी के बीच भी लगातार जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं और उनका सहारा बने हुए हैं। हाल ही में, सूद ने अपनी टीम के साथ बेंगलुरु के ARAK हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए पूरी रात काम किया है। एक्टर ने बताया कि वे कम से कम 20-22 लोगों की जान बचा सके जो ऑक्सीजन सिलेंडर की कथित अनुपलब्धता के कारण खतरे में थी।
सोनू सूद ने 22 मरीजों की बचाई जान
सोनू सूद के चैरिटी फाउंडेशन के एक सदस्य को 4 मई को ARAK हॉस्पिटल की स्थिति के बारे में बताने के लिए येलहंका ओल्ड टाउन के निरीक्षक एमआर सत्यनारायण से एक इमरजेंसी कॉल आया था जहां पहले से ही ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के कारण दो लोग जान गंवा चुके थे। टीम ने तुरंत कॉल का जवाब दिया और मरीजों के लिए सिलेंडर की व्यवस्था करने के लिए काम में जुट गए। उन्होंने अपने सभी कांटेक्ट को जगाया और इस स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी दी। फिर एक्टर की टीम ने कुछ घंटों के अंदर ही 15 और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की।
एएनआई के अनुसार, एक्टर ने ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने में उनकी मदद करने वाले लोगों की सराहना की है।
उन्होंने कहा- “यह सरासर टीमवर्क और हमारे साथी देशवासियों की मदद करने की इच्छाशक्ति थी। जैसे ही हमें इंस्पेक्टर सत्यनारायण का फोन आया, हमने इसे वेरीफाई किया और मिनटों के भीतर काम शुरू कर दिया। टीम ने पूरी रात बिना कुछ सोचे-समझे अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर दिलाने में मदद करके बिताई। अगर जरा सी देर हो जाती तो कई परिवार अपने करीबी लोगों को खो सकते थे।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं हर उस इंसान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने कल रात इतने सारे लोगों को बचाने में मेरी मदद की। यह मेरी टीम के सदस्यों द्वारा की गई ऐसी कोशिशें हैं, जो मुझे और आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करती है और लोगों के जीवन में बदलाव लाने की कोशिश करती है। मुझे हश्मत और अपनी पूरी टीम पर बहुत गर्व है जिन्होंने मेरी मदद की।”
एक्टर को CPI सत्यनारायण का भी समर्थन मिला था। उन्होंने और पुलिस ने स्थिति को काफी अच्छी तरह से संभाला। एक ऐसा समय आया जब एक मरीज को शिफ्ट किया जाना था और कोई एम्बुलेंस ड्राइवर नहीं था, तब पुलिस ने अपने कंधों पर जिम्मेदारी ली और मरीज को अस्पताल पहुंचाया।
बता दें कि इससे पहले सोनू सूद ने झांसी में एक गंभीर रूप से बीमार मरीज की मदद की थी और उसे हैदराबाद के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। झांसी में डॉक्टरों ने मरीज कैलाश अग्रवाल के इलाज को छोड़ दिया था और परिवार को किसी बड़े हॉस्पिटल में जाने के लिए कहा था। परिवार ने कई प्रयास किए और एक स्थानीय विधायक से भी संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। फिर आखिरकार उनकी मदद के लिए एक्टर सोनू सूद को ही आना पड़ा था।