केशकाल में चल रहा अजब जगब खेल बिन स्कूल जाए ले रहा तनख्वाह शिक्षक
विभागीय अधिकारी कर्मचारी की मिलीभगत से अनुउपस्थि शिक्षक को दे रगे तनख्वाह
कोण्डागांव। पत्रिका लुक
बिना शिक्षण कार्य किए ही वेतन मिल रहे होने से शिक्षक की मौज होने का मामला सामने आया है। जहां एक ओर बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार अथक प्रयास करते हुए, सभी स्कूलों में आवष्यकता अनुसार शिक्षकों की व्यवस्था करने का प्रयास कर रही है, शिक्षकों की व्यवस्था नहीं होने पर विद्या मितान, ट्यूटर आदि की व्यवस्था कर रही है। लेकिन वहीं सरकार के ऐसे प्रयासों पर कुछ शिक्षक पानी फेरते हुए बच्चों के भविष्य को अंधेरे में डालते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के तहसील केशकाल के ग्राम पंचायत उमरादाह के ग्राम मातेंगा से सामने आया है। आरटीआई कार्यकर्ता मनसुख बुराट ने आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार बताया कि शासकीय प्राथमिक शाला मातेंगा में देवानंद मंडावी नामक शिक्षक माह भर स्कूल नहीं जाते हैं, फिर भी उन्हें प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। बच्चों को बिना पढ़ाए ही हर माह वेतन निकालने का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा बार-बार कलेक्टर कोंडागांव व जिला शिक्षा अधिकारी कोण्डागांव से भी की जा चुकी है लेकिन उक्त शिक्षक पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जोकि हैरानी में डालने वाला होने के साथ ही यह इशारा देने वाला भी प्रतित होता है कि सम्बन्धित शिक्षक पहुंच रखने वाला है, तभी कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी जैसे अधिकारी भी मामले में कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। वहीं ग्रामीणों एवं आईटीआई कार्यकर्ता मनसुख बुराट केशकाल का आरोप है कि जब लिखित शिकायत अधिकारियों को दिया गया कि शिक्षक के अनुपस्थित होने के बाद भी प्रति माह वेतन का आहरण किस आधार पर हो रहा है ? इसकी जांच करते हुए पे डाटा तैयार करने वाले अधिकारियों व स्कूल से नदारद शिक्षक देवानंद मंडावी पर कार्यवाही की जाए। शाला प्रबंधन की मानें तो विद्यालय में 3 शिक्षक पदस्थ हैं। श्यामलाल ध्रुव प्रधान पाठक ने बताया विद्यालय में मेरे साथ देवानंद मंडावी, चमनलाल पटेल कुल तीन शिक्षक पदस्थ हैं, एक शिक्षक शाला ज्वाइन करने के बाद से अनुपस्थित है, इसकी सूचना हमने विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दी है।