छत्तीसगढ़

स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल में शिक्षक भर्ती फर्जीवाले पर कार्यवाही नहीं तो आदिवासी समाज लड़ेगा सड़क लगाई

कोंडागांव पत्रिका लुक।
जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल सोसाइटी द्वारा शिक्षकीय पदों पर की गई नियुक्ति प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का मामला को लेकर अभ्यर्थी के द्वारा मीडियाकर्मी को शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े को बताया ओर पत्रिका लुक न्यूज़ ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने की करने में लगा है ताकि उक्त फर्जीवाड़े की जांच हो सके साथ ही सही अभ्यार्थी को इसका लाभ मिल सके।

इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल ने मामले की परीक्षण करवाने की बात कही है। बरहाल देखना होगा कि जिला शिक्षा अधिकारी कब तक परीक्षण करते हैं।

बता दें पीड़ित सिया लाल नाग निवासी मडकडा ने दिसंबर 2021 को राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन मंत्री स्कूल शिक्षा विभाग सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, कमिश्नर बस्तर, संयुक्त संचालक शिक्षा बस्तर ,कलेक्टर कोंडागांव , तथा विधायक केशकाल को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल सोसाइटी में व्याख्याता पद पर नियुक्ति प्रक्रिया की जांच व कार्यवाही हेतु पत्र लिखा लेकिन कई माह बीतने के बाद भी जांच व कार्यवाही ना होने से परेशान पीड़ित ने पुनः दिनांक 12 मई को कलेक्टर कोंडागांव को मामले की जांच व कार्यवाही को लेकर शिकायत पत्र सौंपा है।

क्या है मामला
आपको बतादें की सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेज के मुताबिक रितु मिश्रा नामक जिस महिला की व्याख्याता संस्कृत के पद पर संविदा नियुक्ति हुई है उसके आधार कार्ड ,वोटर आईडी,आदि तमाम दस्तावेजों के अनुसार वर्तमान में जबलपुर मध्य प्रदेश की निवासी है।जिसे कूट रचित दस्तावेज के सहारे कोडागांव जीले की निवासी बता चयन समिति ने नियुक्ति दे दी ।एक ही नंबर के व एक ही तारीख में जारी दो आधार कार्ड में अलग-अलग निवास का पता दर्ज है। एक में जबलपुर मध्य प्रदेश तो दूसरे में फरसगांव छत्तीसगढ़ अंकित है।

अविलंब जांच व कार्यवाही ना होने पर होगा आंदोलन – पनकू नेताम
स्वामी आत्मानंद विद्यालय शिक्षक भर्ती मामले में फर्जीवाड़े को लेकर आदिवासी समाज ब्लॉक अध्यक्ष कोंडागांव पंनकु राम नेताम का कहना है,जब एक आदिवासी युवक जिला के प्रमुख अधिकारी से लेकर राज्य के प्रमुखों तक अपनी परेशानी को बताता है,उसके कई माह बीतने के बाद भी पीड़ित व्यक्ति के आवेदन पर किसी भी तरह की कार्यवाही का ना होना शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।बस्तर जैसे आदिवासी बाहुल्य पिछड़े क्षेत्र से गिने-चुने व्यक्ति ही उच्च शिक्षा हासिल कर पाते हैं, और ऐसे व्यक्तियों का सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा मनोबल तोड़ने का कार्य किया जा रहा। आत्मानंद स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़े की शासन प्रशासन यदि अभिलंब जांच व कार्यवाही नहीं कराती तो आदिवासी समाज पीड़ित को इंसाफ दिलाने आंदोलन करने को बाध्य होगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

बरहाल देखना होगा कि जिला प्रशासन कब तक जांच करती है या फिर आदिवासी समाज पीड़ित को न्याय दिलाने सड़क पर उतरने के बाद जिला प्रशासन जागेगा।

Patrika Look

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