छत्तीसगढ़

जिला महिला बाल विकास अधिकारी कोंडागांव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने आवेदक ने दिया आवेदन


लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत

कोंडागांव । एक आवेदक के द्वारा प्रस्तुत लिखित शिकायत पत्र पर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत जिस गम्भीर मामले में 24 घण्टे के भीतर कार्यवाही की जानी थी, उस पर 46 दिन बाद यानि लगभग 1 हजार 1 सौ घण्टे में भी किसी भी तरह की उचित कानूनी कार्यवाही नहीं किए जाने से क्षुब्ध आवेदक के द्वारा महिला-बाल विकास जिला अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोण्डागांव के विरुद्ध 1 अक्टूबर 2021 को सिटी कोतवाली कोण्डागांव में पहुंचकर थाना प्रभारी के समक्ष एक लिखित शिकायत पत्र प्रस्तुत कर एफ.आई.आर.दर्ज करने की मांग करने का मामला सामने आया है।
सिटी कोतवाली कोण्डागांव में एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर लिखित आवेदन देने वाले आवेदक पतिराम निवासी जोबा ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया है कि एक गांव के माता-पिता द्वारा अपनी नाबालिग लड़की का विवाह कर देने और जिससे नाबालिग के गर्भवती हो जाने के सम्बन्ध में जानकारी मिलने पर उसके द्वारा कानून के जानकारों से राय लेने के बाद ही 16 अगस्त 2021 को महिला एवं बाल विकास विभाग कोण्डागांव के जिला अधिकारी के समक्ष एक लिखित शिकायत पत्र प्रस्तुत करते हुए नाबालिग लड़की का विवाह कर देने वाले गैर जिम्मेदार माता-पिता पर उचित कानूनी कार्यवाही करने का आग्रह किया गया था, जिस पर पूरे डेढ़ माह यानि लगभग 1100 घण्टे बित जाने पर भी एफआईआर दर्ज नहीं कराया जा सका है।

जिस पर आवेदक द्वारा पुनः कानून के जानकारों से सलाह- मशविरा किया गया तो उसे जानकारी मिली कि नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले लैंगिक अपराधों पर रोक लगाने के लिए शासन द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 बनाया गया है। जिसमें स्पश्ट रुप से लेख है कि किसी भी नाबालिग के साथ किसी भी तरह का गम्भीर लैंगिक अपराध करने की सूचना प्राप्त होने के 24 घण्टे के भीतर कार्यवाही की जानी होती है, यदि सूचना प्राप्त होने के बाद सक्षम अधिकारी द्वारा मामले की रिपोर्ट करने या अभिलिखित करने में विफल रहने के लिए दण्ड का प्रावधान धारा 21 (1), (2) में दर्ज है। जिसके अनुसार 6 माह से एक साल तक की सजा का प्रावधान है।

उक्त जानकारी मिलने पर ही आवेदक के द्वारा सिटी कोतवाली कोण्डागांव में पहुंचकर महिला एवं बाल विकास विभाग कोण्डागांव के जिला अधिकारी के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु लिखित आवेदन प्रस्तुत कर विनम्रतापूर्वक आग्रह किया गया है कि जिस अधिकारी के दिल में षोशित नाबालिकों के प्रति हमदर्दी नहीं है, उस पर कानूनी कार्यवाही किया जाए तभी सिस्टम में सुधार होने के साथ ही नाबालिगों के साथ हो रहे शोषण व अत्याचार में कमी लाई जा सकेगी। आवेदक द्वारा षिकायत पत्र की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक जिला कोण्डागांव को भी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु दी गई है। बरहाल देखने वाली बात यह होगी कि उक्त आवेदक द्वारा प्रस्तुत लिखित आवेदन को पुलिस कितना तवज्जो देती है।

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