कैलीफोर्निया की डेथ वैली को धरती की सबसे गर्म जगह माना जाता है। यहां की हवा का तापमान दुनिया में सबसे ज्यादा है। लेकिन नई रिपोर्ट में ईरान के लुट रेगिस्तान को धरती की सबसे गर्म जगह बताया गया है। यहां की सतह का तपमान 177.4 डिग्री फॉरेन्हाइट है। जो कि पूरी धरती में सबसे ज्यादा है। डेथ वैली में हवा का तापमान 134.1 डिग्री फॉरेन्हाइट तक जा चुका है, जबकि लुट रेगिस्तान और अमेरिका के सोनोरन रेगिस्तान की सतह का तापमान इससे ज्यादा रह चुका है।
कैलिफोर्ऩिया की यूनिर्वर्सिटी में हुए शोध में इरविन ने पाया कि उत्तरी अमेरिका के सोनोरन रेगिस्तान और लुट रेगिस्तान की सतह का तापमान इससे ज्यादा रहता है। हालांकि, लुट में तापमान लगातार सबसे ज्यादा बना रहता है। वहीं, अंटार्कटिका दुनिया की सबसे ठंडी जगह है। यहां की सतह का तापमान -199.6 डिग्री फॉरेन्हाइट जा चुका है।
गर्म पहाड़ियों के बीच कैद है लुट रेगिस्तान
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने यूनाइटेड स्टेट की हाई रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट से मिले डेटा की जांच की। ये सैटेलाइट पिछले 2 दशकों से पूरी धरती के तामपान का निरीक्षण कर रही है। इस शोध में सामने आया है कि लुट रेगिस्तान में दुनिया की सबसे गर्म सतह है। यहां 2002 से 2019 के बीच लगातार तामपान सबसे ज्यादा रहा है। यह रेगिस्तान पहाड़ियों के बीच स्थित है। इस वजह से यहां गर्म हवा आसानी से पहाड़ की चोटियों के बीच कैद हो जाती है। इससे पहले 2011 में हुई रिसर्च में कहा गया था कि लुट रेगिस्तान में 159.3 डिग्री फॉरेन्हाइट तक अधिकतम तापमान हो सकता है। नई रिसर्च में बताया गया है कि यहां का तापमान इससे 10 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है।
अभी भी डेथ वैली की हवा सबसे गर्म है
अमेरिका और मैक्सिको के बॉर्डर पर स्थित सोनोरन रेगिस्तान में भी तामपान बहुत ज्यादा रहता है। हालांकि, यहां लुट की तुलना में तापमान कम ही मौकों पर इतना ज्यादा रहता है। हालांकि, इसके बावजूद डेथ वैली में हवा का तापमान सबसे ज्यादा है। नेशनल पार्क सर्विस के मुताबिक धरती में सबसे गर्म हवा साल 1913 में फुरनैस क्रीक में दर्ज की गई थी। यहां गर्मी के मौसम में हवा का तापमान 120 डिग्री फॉरेन्हाइट से 90 डिग्री फॉरेन्हाइट के बीच रहता है। वहीं शोध करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि अंटार्कटिका दुनिया की सबसे ठंडी जगह है। यहां का तापमान लगातार -199.6 डिग्री फॉरेन्हाइट के करीब रहता है, जो कि 2011 में हुई रिसर्च के आंकड़े से 20 डिग्री कम है।
समुद्र की वजह से ठंडा है अंटार्किटा
शोधकर्ताओं का कहना है कि अंटार्कटिका चारो तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। इस वजह से वहां की सतह का तापमान सबसे कम रहता है। हालांकि इस शोध में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि जलवायु परिवर्तन से इसमें कोई बदलाव आएगा या नहीं। हालांकि, भविष्य में होने वाले शोध में यह बात सामने आ सकती है कि इन जगहों का तापमान आगे कैसा रहेगा और हमारी जलवायु को किस तरह प्रभावित करेगा।