छत्तीसगढ़

नारंगी हो गई पांच लाख हेक्टेयर भूमि, विकास के लिए सरकार खोज रही जमीन

रायपुर, छत्तीसगढ़ में राजस्व भूमि का बड़ा हिस्सा दस्तावेजों में वन विभाग की नारंगी जमीन में तब्दील हो गई है। इससे विकास कार्यों के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। ऐसी समस्या विशेष रूप से आदिवासी बाहुल क्षेत्रों में ज्यादा आ रही है। इसे देखते हुए नारंगी भूमि के रूप में दर्ज हो चुकी राजस्व भूमि को अलग करने की कवायद शुरू की गई है। राजस्व विभाग की सचिव रीता शांडिल्य ने वन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाकर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।

राजस्व विभाग के अफसरों ने बताया कि प्रदेश में हुए नारंगी क्षेत्र सर्वेक्षण में करीब पांच लाख नौ हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन वन प्रबंधन के लिए उपयुक्त माना गया है। अफसरों के अनुसार इसमें गलती से राजस्व भूमि को भी शामिल कर लिया गया है। यही वजह है कि नारंगी वन का क्षेत्र इतना अधिक हो गया है। इसी गलती को सुधारने फिर से सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस वजह से जरूरी है राजस्व भूमि को अलग करना

नारंगी भूमि वन क्षेत्र का हिस्सा है। ऐसे में उसकी खरीदी-बिक्री या किसी को अवांटित नहीं की जा सकती। यहां तक की वहां सड़क या सरकारी भवन समेत अन्य किसी भी निर्माण या किसी काम के लिए सरकार भी उस जमीन का उपयोग नहीं कर सकती। इसके लिए जमीन का मद परिवर्तन करना पड़ेगा।

जगदलपुर के रिपोर्ट से पकड़ में आई गलती

अफसरों ने बताया कि जगदलपुर से मिली रिपोर्ट के परीक्षण के दौरान सर्वे में हुई गड़बड़ी पकड़ में आई। वहां तीन प्रकार के वन क्षेत्र को शामिल किया गया है। इसमें असीमांकित संरिक्षत वन, राजस्व अभिलेख में छोटे-बड़े वृक्ष का जंगल मद के साथ गैर वन मद (घास, पहाड़, चट्टान व अन्य मद) की भूमि शामिल होना पाया गया।

50 फीसद हो जाएगा वन क्षेत्र

छत्तीसगढ़ में कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 44 फीसद वन है। राजस्व सचिव शांडिल्य के अनुसार राजस्व अभिलेखों में वन के रूप में दर्ज भूमि को शामिल करने से वन क्षेत्र का हिस्सा बढ़कर 50 फीसद क्षेत्र वन की परिभाषा में आ जाता है। इसी वजह से सर्वे के निर्देश दिए गए हैं।

क्या है नारंगी भूमि

1950 में वन अधिनियम में तीन तरह के वनों के संरक्षण का नियम है। इसमें आरक्षित व संरक्षित क्षेत्र के साथ नारंगी क्षेत्र शामिल है। नारंगी भूमि में वन विभाग की वह जमीन आती है जो शहर या गांव से लगे हुए छोटे-बड़े झाड़ (वृक्ष) के जंगल होते हैं। इस जमीन का आम लोग निस्तारी के लिए उपयोग तो कर सकते हैं, लेकिन मद परिवर्तित किए बिना दूसरा उपयोग नहीं किया जा सकता।

Patrika Look

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