छत्तीसगढ़

खेद, स्पष्टीकरण और क्षमा के साथ खत्म हुआ छत्तीसगढ़ का सियासी ड्रामा

रायपुर । Bप्रदेश में करीब चार दिन से चल रहा सियासी ड्रामा बुधवार को विधायक बृहस्पत सिंह के खेद व्यक्त करने और सरकार के स्पष्टीकरण के साथ ही समाप्त हो गया। मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी सदन से क्षमा मांग ली। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूरे प्रकरण के समाप्त होने की घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खेद व्यक्त करने के लिए बृहस्पत की सराहना की। हालांकि, इससे पहले सदन में बुधवार दोपहर तक कोई कामकाज नहीं हो सका। भारी शोरशराबे के बीच सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

विधायक बृहस्पत और मंत्री सिंहदेव के विवाद को लेकर विपक्ष ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति है। सदन संकट में है। विधानसभा अध्यक्ष डा. चरण्ादास महंत ने कई बार सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन दोनों तरफ से हंगामा होता रहा। इस बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही जब दूसरी बार शुरू हुई, तब भी विपक्षी सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे। इसे देखते हुए दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही फिर शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष डा. महंत ने कहा कि कोई संवैधानिक संकट नहीं है। इसके बादविधायक बृहस्पत ने पूरे मामले में खेद व्यक्त किया तो गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट की। मामले के पटाक्षेप के बाद सदन में पहुंचे सिंहदेव ने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया। उन्होंने सदन से क्षमा मांगते हुए सभी के प्रति आभार जताया, फिर अपने स्थान पर बैठ गए।

मतांतरण पर विपक्ष का काम रोको प्रस्ताव

विपक्ष ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर मतांरण (धर्मांतरण) का आरोप लगाते हुए बुधवार को सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया। इसकी ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने यह सब सरकार के संरक्षण में होने का आरोप लगाते हुए इसकी हाई कोर्ट के मौजूदा या सेवानिवृत्त जज से जांच की मांग की। यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं हुआ, लेकिन अध्यक्ष ने सदन में इस पर चर्चा कराने का आश्वासन दिया है।

सदन की कार्यवाही का वीडियो जारी करने पर कड़ी आपत्ति

सदन की कार्यवाही (अंश) का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल किए जाने पर डॉ. महंत ने कड़ी आपत्ति की। बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही डॉ. महंत ने कहा कि यह विशेषाधिकार की परिधि में आता है। विपक्ष ने इसकी जांच की मांग की। बताया जा रहा है कि वायरल किया गया वीडियो मंगलवार को मंत्री सिंहदेव के सदन छोड़कर जाने से पहले दिए गए भाषण का है।

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