19 साल बाद सक्रिय हुआ खतरनाक ज्वालामुखी, चेतावनी के बाद हजारों लोगों का पलायन
अफ्रीका महाद्वीप के मध्य में स्थित कांगो के गोमा शहर के निकट विरूंगा की पहाड़ियों में अचानक नीरागोंगा ज्वालामुखी 19 साल बाद फिर सक्रिय हो गया। यह विश्व के खतरनाक और सक्रिय ज्वालामुखी में गिना जाता है। स्थानीय प्रशासन के चेतावनी जारी करते ही शहर के हजारों लोग जरूरी सामान के साथ पैदल ही रवांडा की ओर पलायन करने लगे। गोमा की आबादी लगभग बीस लाख है। यहां पर 2002 में यह ज्वालामुखी फटा था, जिसमें ढाई सौ लोग मारे गए थे। एक लाख बीस हजार से ज्यादा लोग बेघर हुए थे। रवांडा के प्रशासन ने पलायन की पुष्टि करते हुए कहा है कि करीब साढ़े तीन हजार लोग रवांडा पहुंच चुके हैं। यहां उनको पूजा स्थलों और स्कूलों में ठहराया जा रहा है। ज्वालामुखी विरुंगा नेशनल पार्क के निकट है, जहां दुनिया के कुछ बचे हुए गोरिल्लाओं का संरक्षण किया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ज्वालामुखी का लावा उत्तरी किबु को बेनी शहर से जोड़ने वाले राजमार्ग तक आ गया है। ज्वालामुखी वैज्ञानिक डारियो डेटेस्को ने बताया कि ज्वालामुखी का लावा गोमा की तरफ बह रहा है। यह उतना ही खतरनाक है, जिनता 19 साल पहले था। इसका लावा शहर तक पहुंच जाएगा या बीच में ही रुक जाएगा, इसका पूर्वानुमान करना अभी मुश्किल है। राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसेकेदी अपनी यूरोप की यात्रा बीच में छोड़कर देश लौट रहे हैं। इधर प्रधानमंत्री जीन मिशेल सामा लुकोंडे ने आपात बैठक बुलाई है।