विधायक चंदन कश्यप के क्षेत्र में पानी के लिए परेशान ग्रामीण, प्यास बुझाने वाली बरसाती नदी-नाले भी सूखने लगे
कोंडागांव पत्रिका लुक।
नक्सली इलाके में आदिवासी समुदाय के लोगो की जीवन दायनी बरसाती नदी -नालों भी सूखने गए हैं । लोग प्यास बुझाने के लिए दूर दराज से पानी लाने को मजबूर हो गए हैं। प्यासे ग्रामीण अब सरकार की ओर नजर लगाए बैठे हैं कब हमें पीने का पानी मिल पाएगा।
आपको बतादें की सरकार के विकास के दावे नक्सल इलाके में पहुंचे से पहले ही दम तोड़ देते हैं या भष्ट्राचार की भेंट चढ़ जाता होगा। हम बात कर रहे हैं कोंडागांव जिला से लगभग 50 किलोमीटर दूर बसा नक्सली इलाके की यहां आज भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में नाकाम नजर रही हैं जिला प्रशासन व राज्य सरकार। अच्छी स्वास्थ्य सुविधा तो पहुचना दूर की बात है। उस क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में पीने का शुद्ध पानी भी नसीब नही है। इस क्ष्रेत्र के विधायक व हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष चन्दन कश्यप हैं वे भी लोगों को शुद्ध पानी नहीं दे पा रहे।
राज्य सरकार विकास की बात तो करती है पर विकास सिर्फ इमारते खड़े करने से नहीं होती है बल्कि मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने से ही विकास होगा। आज हम बात कर रहे कोंडागांव जिला व नारायपुर जिला के सरहदीय सीमा पर बसा ग्राम पंचायत बेचा का आश्रित ग्राम किलम का आजापाठ पारा में लभगभ 25 आदिवासी परिवार के लोग में निवासरत हैं ये लोग बरसाती नदी नालों पर निर्भर रहते हुए पीने का पानी भर के अपना ओर अपने परिवार को पानी की पूर्ति कर देते हैं पर लगातार बढ़ती गर्मी में बरसाती नदी नाते सुख जाते जाते हैं जिससे पीने के पानी की किल्लत हो जाती है । जिससे वह के असिवसी ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं।
आदिवासी ग्रामीण नदी किनारे गढ्ढा खोदकर पानी निकलते हैं पर अब गर्मी में नदी किनारे पर गढ्ढा खोदने से भी पानी बहुत कम निकलता है जिसके चलते ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बतादे की यह क्षेत्र नारायपुर विधानसभा का हैं और यहां क्षेत्र के विधायक चंदन कश्यप है । पर इस क्षेत्र का विकास चन्दन कश्यप की जिमेदारी है पर इस क्षेत्र का विकास तो दूर की बात है यह पर निवासरत लोगों को शुद्ध पानी तक नशीब नहीं है।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बागड़े ने बताया कि लगातार पिछड़े इलाको में विकास हो ओर वहां पर निवासरत लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगातार राज्य सरकार व जिला प्रशासन को आवेदन देते आ रहे हैं इसी कड़ी में आज इस क्षेत्र में शुद्ध पानी की व्यवस्था के करने के लिए कोंडागांव कलेक्टर को आवेदन दिया हैं।
टिप– केंद्र व राज्य सरकारों के द्वारा नक्सल इलाके में विकास व मूलभूत सुविधाओं के लिए आने वाले पैसे से अब तक उन क्षेत्रों में कितना विकास हुआ है। विकास नहीं हुआ तो विकास के नाम पर केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा दिये गए राशि कहा गई। जिला प्रशासन व राज्य सरकार को पत्रिका लुक टीम निवेदन करता है कि उस ग्राम पंचायत में उच्च स्तरीय जांच समिति बना कर जांच कराई जाए और उस दौरान जितने भी सचिव सरपंच व मूल्यांकन अधिकारी जो भी दोषी है उस पर कानूनी कार्यवाही करते हुए नौकरी से बर्खास्त किया जाए।
लेखन- GS SHARMA
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