कोपरा के विशेष ग्राम सभा में पंचायत प्रतिनिधियों का हंगामा
गरियाबंद। मेरी पंचायत मेरा अधिकार, जन सेवाएं हमारे द्वार अभियान के तहत बुधवार को ग्राम पंचायत कोपरा में आयोजित विशेष ग्रामसभा आपसी विवाद के चलते गुटबाजी की भेट चढ़ गई। दो गुटों में बंटे पंचायत प्रतिनिधियों के बीच के आपसी विवाद के चलते ग्रामसभा औचित्यहीन ही समाप्त हो गई। अपनी समस्या लेकर आए ग्रामीणों को भी बैरंग लौटना पड़ा। दो गुटों में हुए इस हंगामे के कारण ग्राम सभा में न पंचायत के अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और न ही तय एजेंडों पर कोई निर्णय लिया जा सका।
ज्ञात हो कि शासन के निर्देशानुसार 25 से 31 जुलाई के बीच सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें ‘मेरी पंचायत मेरा अधिकार-जन सेवाएं हमारे द्वार’ अभियान के तहत पंचायत के विकास से संबंधित नागरिक घोषणा पत्र तैयार कर अनुमोदन करने के साथ ही भूमिहीन ग्रामीणों को भूमि अधिकार प्रदान करने वाले स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा की जा रही है। इस क्रम में जिले के सबसे बड़े ग्राम पंचायत कोपरा में भी 27 जुलाई को विशेष ग्राम सभा का आयोजन पंचायत भवन में किया गया था। परंतु आपसी विवाद के चलते पहले से ही दो गुटों में बंट चुके पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्य एजेंडा को दरकिनार कर ग्रामसभा में जमकर हंगामा किया। ग्रामसभा में इस कदर बहस छिड़ी कि ग्राम सभा की विधिवत कार्यवाही ही न हो सकी। नागरिक घोषणा पत्र का अनुमोदन और स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन का मुद्दा ही दरकिनार हो गया। इसके अलावा अपनी छोटी बड़ी समस्या लेकर पहुंचे ग्रामीणों को भी बैरंग वापस लौटना पड़ा। नवीन मिडिल स्कूल समिति के अध्यक्ष नेमीचंद सिन्हा ने बताया कि वह स्कूल संचालन के लिए बरदमाल तालाब से मिलने वाली राजस्व राशि स्कूल को देने की मांग को लेकर ग्राम सभा में पहुंचे थे, परंतु हंगामे के कारण उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई।