उप स्वास्थ्य केंद्र पर ताला नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सेवाओं का ग्रामीणों को लाभ ग्रामीण परेशान
कोंडागांव/ बस्तर, पत्रिका लुक।
स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर के गॉवों में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भवन तो बना दिया जाता है पर उस भवन में स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति करना भूल जाते हैं या फिर स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते होंगे शायद? ऐसा इस लिए कहना पड़ रहा है क्योंकि बस्तर जिला व मुख्यालय जगदलपुर से मात्र 50 किलोमीटर दूर पर बसा ग्राम पंचायत तुरपुरा में स्वास्थ्य सुविधा भगवान भरेसे चल रहा है। ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र ताे खोले गए हैं। लेकिन इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए जिला स्तर पर अस्पताल में जाना पड़ रहा है। इससे लोग परेशान हैं। उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कहने को तो यहां 24 घंटे एएनएम और इलाज की सुविधा मिलना है, लेकिन ताला नहीं खुलने से ग्रामीणों को केशरपाल और भनपुरी तक इलाज कराने के लिए जाना पड़ रहा है या फिर झोलाछाप डॉक्टरों की शरण लेनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उपस्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ एएनएम कार्यकर्ता 15 दिनों में एक बार ही यहां आती हैं जिससे गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कराने में समस्या आती है। तो वहीं ग्रामीणों को दवा तक उपलब्ध नहीं हो पाती है। ग्राम पंचायत तुरपुरा में उपस्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है। पर डॉक्टर व एएनएम नही रहते है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है जिससे आए दिन ताला लटका दिखाई देता है। पंचायत की लगभग 2000 आबादी को यहां स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां ग्रामीणों ने बताया कि एएनएम कार्यकर्ता गाँव में दिखाई नही देते है वही एएनएम कार्यकर्ताएं द्वारा सिर्फ टीकाकरण करने के लिए उपस्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच रहीं हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण तो हो जाते हैं लेकिन बाकी के दिनों में इलाज नहीं मिल पाता है। तुरपुरा गांव के रहने वाले घिरो राम नेताम ,फूलचंद ,श्रीमती पुरोबाई ,श्रीमती बुधयरिन बाई आदिवासीयो आदि ने बताया कि लोगों को इलाज कराने के लिए केशरपाल भानपुरी तथा जिला अस्पताल डिमरापाल लेकर इलाज कराने के लिए जाना पड़ता है।
ग्रामीण बोले- 15 से 20 दिन में आती हैं कार्यकर्ता
ग्रामीणों के मुताबिक यहां एएनएम कार्यकर्ता 15 से 20 दिनों में पहुंच रही हैं। जिससे प्रसुताओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण ही हो पा रहा है और न ही बच्चों का समय पर टीकाकरण हो रहा है। वहीं ग्रामीणों वायरल बीमारियों का न तो इलाज मिल पा रहा है और न ही दवाएं। ऐसे मे ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए केशरपाल भानपुरी तथा जिला अस्पताल डिमरापाल में जाना पड़ रहा है। ऐसे में उन पर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है। तो वहीं कुछ ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे हैं।
वहीं बीएमओ डॉ पी एल शाडिल ने कहां कि वे महिला व पुरूष कर्मचारी रहते है कभी कभी रुकते व रहते भी है शासकिय कार्य वेक्सीन राष्ट्रीय कार्यक्रम होता है सेक्टर अधिकारी व सेक्टर सुपरवाइजर से जांच कर कार्यवाही करेगे ।
बरहाल देखना होगा कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा स्वास्थ्य लाभ कब तक मिल पाएगा या फिर जैसा चल रहा है वैसा ही चलते रहेगा।
सूत्र-बिरज नाग ।