छत्तीसगढ़

साप्ताहिक हाट-बाजार व्यापारी संघ परेशान व आक्रोशित पहुंचे कलेक्टोरेट, सीपीआई ने हाट-बाजार संघ का दिया समर्थन

कोंडागांव। साप्ताहिक हाट-बाजारों में छोटे-छोटे व्यापार कर अपना व अपने पर आश्रित परिजनों का जीवनयापन करने वाले साप्ताहिक हाट-बाजार व्यापारी संघ कोण्डागांव से जुडे व्यापारीगण लंबे समय से चल रहे लाॅकडाउन के दौरान उत्पन्न हुई आर्थिक तंगी से अत्यधिक परेशान हो चुके और अब जब शासन-प्रशासन द्वारा पूर्व में किए गए लाॅकडाउन को अनलाॅक करते हुए  बारी-बारी से विभिन्न व्यापारिक प्रतिश्ठानों के संचालन हेतु अनुमति दी जा रही है, लेकिन जिले में लगने वाले साप्ताहिक हाट-बाजारों को प्रारम्भ नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण  ही पूर्व से ही व्यथित परेषान व्यापारीगण और भी अधिक परेशान व आक्रोशित नजर आ रहे हैं। साप्ताहिक हाट-बाजार व्यापारी संघ कोण्डागांव से जुडे व्यापारीगण काफी संख्या में 2 जून को जिला कार्यालय परिसर में कलेक्टर से मुलाकात करने हेतु प्रतिक्षारत नजर आए। साप्ताहिक हाट-बाजार व्यापारी संघ के उपाध्यक्ष यश कुमार छाबड़ा एवं अन्य व्यापारियों ने प्रेस को अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि साप्ताहिक हाट-बाजार व्यापारी संघ से कोण्डागांव जिले के लगभग 250-300 से अधिक फुटकर व्यापारी जुड़े हैं, वर्तमान में उनकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। जिसे देखते हुए उनके द्वारा कलेक्टर एवं एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर साप्ताहिक हाट-बाजार को प्रारम्भ कराकर उन्हें व्यापार करने की अनुमति देने की मांग कर चुके हैं, लेकिन उनके मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यदि ऐसा ही रहा तो हमें अपने बीवी-बच्चों के साथ सड़कों पर बैठने को मजबूर होना पड़ेगा। अब उनके पास अन्य कोई रास्ता नहीं बचा है कोरोना संक्रमण से मौत होने के भय से घरों में ही पड़े रहे तो कोई बड़ी बात नहीं कि हममे से कईयों की मौत भूख से ही होने लगेगी।

सीपीआई ने साप्ताहिक हाट-बाजार व्यापारी संघ की मांगों का किया समर्थन

सीपीआई जिला परिशद् कोण्डागांव से समर्थन देने पहुंचे जिला सचिव तिलक पाण्डे, शैलेष शुक्ला, बिरज नाग, जयप्रकाश नेताम, बिसम्बर मरकाम, दिनेश मरकाम ने साप्ताहिक हाट-बाजार व्यापारी संघ की मांगों को जायज बताते हुए कहा कि षासन-प्रषासन को साप्ताहिक हाट-बाजार व्यापारी संघ की मांगों को पूरा कर जिले में जल्द से जल्द साप्ताहिक हाट बाजारों को प्रारम्भ करा देना चाहिए, ताकि साप्ताहिक हाट-बाजारों में छोटे-छोटे व्यापार करके अपना जीवन चलाने वाले व्यापारियों व उनके परिजनों का भी जीवन चलता रह सके। वैसे भी लाॅकडाउन से कोरोना कोविड-19 से मुक्ति मिलनी होती तो वर्श 2020 में लंबे समय तक किए गए लाॅकडाउन के बाद देष कोरोना कोविड-19 से पूरी तरह मुक्त हो चुका होता। लाॅकडाउन से बेहतर है कि शासन-प्रशासन जनजागरुता लाने का प्रयास करे, ताकि जिले की जनता कोविड- 19 से बचाव के प्रोटोकाल का पालन करते हुए अपना-अपना जीवनयापन करता रह सके। यह भी कहा कि यदि संघ की मांगों को जिला प्रशासन सहित शासन पूरी न कर पाए तो संघ से जुड़े जिले भर के सभी पीडित व परेशान व्यापारियों को इतना आर्थिक सहयोग दे कि उनका व उन पर आश्रितों का जीवनयापन शांतिपूर्वक चलता रह सके।

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