छत्तीसगढ़

कहां खप गया धान: सरगुजा संभाग में धान खरीदी में करोड़ों की गड़बड़ी, प्रभारियों के खिलाफ FIR के निर्देश

अंबिकापुर। सरगुजा संभाग में भौतिक सत्यापन के बाद करोड़ों रूपये के धान शॉर्टेज होने का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने समिति केंद्र प्रभारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. इस पर समिति केंद्र प्रभारियों ने FIR से पूर्व निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

धान खरीदी में करोंड़ों की गड़बड़ी

सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर और कोरिया जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 15 करोड़ रुपये का धान शॉर्टेज हो गया है. भौतिक सत्यापन के बाद इस मामले का खुलासा हुआ है. प्रति क्विंटल 1 हजार 865 रुपये के हिसाब से धान की कीमत 14 करोड़ 91 लाख 90 हजार 675 रुपये की होती है.

वहीं इस मामले के सामने आने के बाद सहकारी केंद्रीय बैंक प्रबंधन द्वारा ऐसे उपार्जन केंद्रों की विशेष ऑडिट और वसूली के अलावा FIR दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा चारों जिले के नोडल अधिकारी और शाखा प्रबंधकों को पत्र प्रेषित कर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर और कोरिया जिले में धान का बंफर उत्पादन हुआ. समर्थन मूल्य के अलावा बोनस के कारण धान का रकबा भी बढ़ा था. खरीदी के पहले दिन से ही समितियों में धान की आवक भी शुरू हो गई थी. धान खरीदी पूर्ण होने के बाद समितियों से संग्रहण केंद्र से उठाव और कस्टम मिलिंग का काम चल रहा है.

उपार्जन केंद्रों द्वारा खरीदे गए धान के मिलान और भौतिक सत्यापन के बाद चारों जिले में अप्रत्याशित कमी सामने आई है. चारों जिले में पहली बार 79 हजार 995 क्विंटल धान कम पाया गया है. इससे जिला सहकारी केंद्रीय बैंक प्रबंधन भी हैरत में है. अभी तक इतनी अत्यधिक मात्रा में धान की कमी कभी नहीं हुई थी.

वहीं इस मामले के सामने आने के बाद चारों जिले के समिति प्रबंधक लामबंद हो गए हैं. समिति प्रबंधकों का कहना है कि समय पर धान का उठाओ नहीं होने की वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है. समिति केंद्रों में बफर स्टॉक से ऊपर धान जाम होने के बाद भी धान का उठाव नहीं किया गया, जिसका ठीकरा अब समिति प्रबंधकों पर फोड़ा जा रहा है. इस मामले में समिति केंद्र प्रभारियों ने सरकार से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

Patrika Look

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