छत्तीसगढ़

आरोप-प्रत्यारोप, हाथों में कलम वाला गुंडा की तख्ती लेकर पत्रकारों ने किया प्रदर्शन , सौपा राज्यपाल के नाम ज्ञापन

कोंडागांव। लगातार पूर्वाग्रह से ग्रसित हो विधान का दुरुपयोग करते अक्सर कलमकार के ऊपर मामले दर्ज कर दिए जाते हैं, वही अक्सर उन पत्रकारों को उक्त दर्ज मामलों के बारे में जानकारी भी नहीं लग पाती और वे गुंडा बदमाश नक्सल समर्थक जैसे अपराधियों की सूची में में शामिल कर लिए जाते हैं। उक्त गलत कार्यवाहीयो के विरोध में आज कोंडागांव जिला के एक संवाददाता दल के द्वारा (पत्रकार दल) एकजुट हो महामहिम राज्यपाल के नाम कोंडागांव एसपी व जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे।

विरोध का अनोखा तरीका अपनाया संवाददाता (पत्रकार)

वही पत्रकारों ने क्या मैं गुंडा हूं, कलम वाला गुंडा जैसे तख्ती भी अपने सीने व हाथों में लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। ज्ञापन सौंपने के सांथ जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी से भेंट करके पत्रकारों के खिलाफ पुलिस थानों मे बनाकर रखें गये गुंडा बदमाश सूची की समीक्षा करके निर्दोष लोगों का नाम ससम्मान सूची से हटाने की मांग कि गई। इसके सांथ जिले के वरिष्ठ पत्रकार राज शार्दूल से पुलिस थाना केशकाल के उपनिरीक्षक द्वारा दूरभाष पर अमर्यादित व्यवहार करते धमकी-चमकी देने पर क्षोभ जाहिर करते उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई । सके अलावा बगैर अधिकृत व्यक्तियों द्वारा विभिन्न मीडिया संस्थानों की आड़ लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित हो खबरें चलाए जा रहे हैं जिससे शासन प्रशासन की छवि भी धूमिल होती है, ऐसे लोगों पर भी चिन्हित कर कार्यवाही करने हेतु ज्ञापन सौंपा गया। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों से नियमानुसार जांच कर मामलों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया।

पुलिस को भी अपनी छवि सुधारने की जरूरत

पुलिस द्वारा जब एक समाचार के संवाददाता को फोन पर निगरानी बदमास कहा जा सकता है तो आम आदमी के लिए पुलिस किन शब्दों का उपयोग कर बुलाते होंगे यह तो आप भी समझ सकते हैं । पुलिस आम जनता के बीच अपना विश्वसनीयता कम करती नजर आ रहा है। आए दिन कोई ना कोई आम आदमी पुलिस वालों पर कुछ ना कुछ आरोप लगते ही रहता है। जैसे आज पत्रकार का एक दल केशकाल थाना प्रभारी के ऊपर फोन में गलत तरीके से बात करने का आरोप लगाया साथ ही इसकी शिकायत कलेक्टर, एसपी,व राज्यपाल को किया। पुलिस को अपने सत्य निष्ठा से ओर प्रेम से आम जनता के बीच विश्वास को हासिल करना होगा। ताकि कोई भी आम आदमी अपनी शिकायत लेके पुलिस तक पहुचेंगा, ना कि पुलिस पर आरोप लगाएंगा।

अपसोस
कोंडागांव जिले में जिस प्रकार से पत्रकार एक दूसरे का पैर खीचने में लगा हुआ है। पत्रकार एकता की बात तो करते है पर यहां दल ब दल और ताकत पर ताकत दिखाने पर आमादा हुए पड़े हैं। जो बात नही होनी थी वही होती जा रही है। आज एक पत्रकार का दल कार्यवाही की बात करता है तो दूसरा पत्रकार दल उसे खारिज करने को लेकर जिला अधिकारी से मिलने ज्ञापन सौपते हैं। क्या ? पत्रकार भी राजनीतिक दलों की तरह हो गए है जो एक दूसरे की खामियां गिनाने लगे हैं । आम जनता के बीच शासन प्रशासन के बीच की खामियों को दिखा पत्रकार एक सेतु की तरह काम कर रहा है । पर ऐसा लग रहा है इस सेतु को आपस मे ही खीचतान कर तोड़ने का काम पत्रकार ही कर रहे है। बुद्विजीवी होने के बाद भी अनेकता में एकता की बात करने वाले आज पत्रकार अलग अलग खेमें में बंट चुके है। समय रहते अगर एक नहीं हुए तो आने वाला समय पत्रकारों के लिए खतरे का कारण बन सकता हैं, जिसका खामियाजा भुगतने के लिए हर पत्रकार को तैयार रहना होगा। अगर मेरे इन बातों से किसी भी बुद्विजीवी पत्रकार बन्धु को तकलीफ हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ।

Patrika Look

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