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आदिवासी विकास विभाग कांकेर जिले के आश्रम शाल में कम्प्यूटर पिं्रटर एवं फोटो कापी खरीदी में बरती गई अनियमितता का मामला विधानसभा में जोर शोर से उठा

0 कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने विधानसभा में सामाग्री खरीदी में अनियमितता का मामला उठाया

रायपुर। विधानसभा में आज आदिवासी विकास विभाग द्वारा कांकेर जिला के आश्रम शाला में कंप्यूटर प्रिंटर फोटो कॉपी मशीन की खरीदी में अनियमितता का मुद्दा जोर-शोर से उठा। कांग्रेस विधायक संतराम नेताम द्वारा उठाए गए इस मामले में अपना समर्थन देते हुए भाजपा सदस्यों ने इस मामले में कमिश्नर द्वारा दो बार पत्र जारी करने को विवादित बताते हुए सदन की कमेटी से जांच कराने की मांग की । इसके बाद संबंधित मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय ने इस प्रकरण में सचिव स्तरीय जांच कराने की सदन में घोषणा की।
प्रश्नकाल में आज सत्ता पक्ष कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने यह मुद्दा उठाया । उन्होंने कहा कि आदिवासी विभाग द्वारा कांकेर जिले के आश्रम शाला में कंप्यूटर प्रिंटर फोटो कॉपी मशीन सहित सामग्रियों की खरीदी में भारी तौर पर अनियमितता हुई है । उन्होंने कहा कि इस भ्रष्टाचार के मामले में समाचार पत्रों में आई खबर के बाद संबंधित कमिश्नर ने पत्र जारी कर जांच के निर्देश अधिकारियों को दिए थे लेकिन 3 माह बाद कमिश्नर द्वारा पुन: एक पत्र जारी कर इसमें भ्रष्टाचार नहीं होना बताया जाता है। कांग्रेसी विधायक संतराम नेताम ने कहा कहा कि इस इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है या नहीं यह मुझे नहीं पता लेकिन कमिश्नर द्वारा इस तरह दो बार पत्र जारी करना अपने आप में संदेहजनक की परिस्थितियां पैदा करता है । उन्होंने मंत्री से कमिश्नर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
इस मामले में कांग्रेसी सदस्य का समर्थन करते हुए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहां की इस मामले में कमिश्नर ने किसे आधार बनाकर दो बार पत्र जारी किया । अगर वे पत्र जारी करते है इसका मतलब वो शासकीय आदेश है । उन्होंने कहा कि पहला पत्र जारी करने के बाद 3 माह बाद दूसरा पत्र जारी करते है फिर इन 3 माह में ऐसा क्या हुआ कि कमिश्नर को इसमें भ्रष्टाचार नहीं हुआ है कहना पड़ा।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी इस मामले में कहा कि कमिश्नर द्वारा जब पहला पत्र जारी किया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी इस मामले में कहा कि कमिश्नर द्वारा जब पहला पत्र जारी किया जाता है उसकी जांच होनी चाहिए थी अगरइस नही होता तो पत्र का महत्व क्या रह जाता है। उन्होंने इस मामले में सदन की समिति से जांच कराने की मांग की।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहां की 1 रुपए का भी कहीं भुगतान नहीं हुआ है तो भ्रष्टाचार का तो प्रश्न ही नहीं उठता है उन्होंने जांच कराने से इनकार किया । इसके बाद भी कांग्रेस विधायक संतराम नेताम और भाजपा के विधायकों ने जांच कराने की मांग पर अड़े रहे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने इस मामले में मंत्री से कहा कि या वे स्वयं इसकी जांच कर ले या फिर सचिव स्तर पर इसकी जांच करवा लें , इस के बादआदिम जाति कल्याण विकास विभाग मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस प्रकरण की सचिव स्तर पर जांच करवाने की घोषणा सदन में की।

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