छत्तीसगढ़

आदिवासी हितों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है – सोहन पोटाई

स्टील प्लांट का डिमर्जर का फैसला वापस लें अन्यथा समाज न्यायालय जाएगा
जगदलपुर। सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष व कांकेर के पूर्व सांसद सोहन पोटाई ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बस्तर के विभिन्न जेलों में निर्दोष आदिवासियों को परिरूद्ध किया गया है, जिनकी बहाली के लिए मुख्यमंत्री के द्वारा चुनाव पूर्व घोषणा किया गया था। बावजूद इसके आज पर्यन्त निर्दोष आदिवासियों को जेल से बरी करने प्रदेश सरकार द्वारा ईमानदारी के साथ पहल नहीं किया जा रहा है। जो आदिवासियों को बरी किया गया वे छोटे मोटे मामले खासकर आबकारी एक्ट में परिरूद्ध थे। प्रदेश में आदिवासी हितों को लेकर सरकार यदि गंभीरता से पहल नहीं करता है तो आने वाले दिनों में समाज को उग्र आंदोलन पूरे प्रदेश में करने को बाध्य होना पड़ेगा।
पोटाई ने केंद्र सरकार और एनएमडीसी को चेतावनी देते कहा कि नगरनार स्टील प्लांट का डिमर्जर का फैसला वापस लें अन्यथा समाज न्यायालय जाएगा। केंद्र सरकार अपने इस फैसले को वापस नहीं लेगी तो पेसा कानून और पांचवी अनुसूची के तहत संयंत्र का काम बंद कर दिया जाएगा। जिसकी सारी जवाबदारी केंद्र और एनएमडीसी की होगी।
पेसा कानून प्रदेश सरकार के एजेंडा में है, लेकिन सरकार के 03 वर्ष बाद भी आज पर्यन्त क्रियान्वयन नहीं हुआ है। श्री पोटाई ने कहा कि मैं यह बात इसलिए कहा रहाहूं क्योंकि प्रदेश की सत्ता में आने के पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा इन कानूनों को लागू करने की घोषणा की गई थी। साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी भरोसा देते कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही इस कानून का कड़ाई से क्रियान्वयन किया जाएगा पर चुनाव जीतने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस दौरान अरविंद नेताम, प्रकाश ठाकुर व अन्य मौजूद थे।

Patrika Look

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