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एक लाख 20 हजार निकला, फिर भी अधूरा पीएम आवास, शिकायत के बाद जनपद सीईओ ने एफआईआर दर्ज करने लिखा पत्र

कोण्डागांव । पूरी राशि आहरण के बावजूद प्रधान मंत्री आवास के अपूर्ण रहने पर एक वयोवृद्ध महिला आदिवासी हितग्राही द्वारा सीईओ जनपद पंचायत कोण्डागांव को उक्त मामले की सूचना देने के बाद गबन मामले की पुलिस थाना बयानार में पहुंचकर लिखित षिकायत देकर एफ.आई.आर.दर्ज करने की मांग किए जाने का मामला प्रकाष में आया है। प्राप्त जानकारी अनुसार आवेदिका मनायबाई पति स्व.गाण्डोराम सोरी निवासी ग्राम केजंग घोड़ापारा जिला व तहसील कोण्डागांव के द्वारा 3 नवम्बर 2020 को जिले के पुलिस थाना बयानार के थाना प्रभारी को लिखित में षिकायत करते हुए अपूर्ण प्रधान मंत्री आवास की राशि को गबन करने वाले अधिकारी एवं ठेकेदार पर एफ.आई.आर.दर्ज करने की मांग करने सहित षिकायत पत्र की प्रतिलिपियां पी.सी.सी.अध्यक्ष एवं विधायक कोण्डागांव मोहन मरकाम के साथ-साथ कोण्डागांव जिले अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भी दिया गया था। उक्त मामले में कोई कार्यवाही नहीं होने पर 12 जनवरी को वयोवृद्ध आदिवासी महिला अपने पुत्र के साथ पुनः जिला मुख्यालय में पहुंची, जहां उसकी मुलाकात प्रेस प्रतिनिधियों से हुई। तो प्रेस प्रतिनिधिगण हितग्राही को लेकर सिधे सीईओ जनपद पंचायत कोण्डागांव के पास पहुंचे, आवेदिका के षिकायत पत्र में लगाए गए आरोपों तथा मकान के अपूर्ण होने के बाद भी 1.20 लाख रुपए निकाल लिए जाने का साक्ष्य (प्रधान मंत्री आवास की आनलाईन सूची) देखने के बाद सीईओ अमित भाटिया द्वारा तत्काल पुलिस थाना बयानार के थाना प्रभारी के नाम एफ.आई.आर.दर्ज करने संबंधी एक अनुषंसा पत्र जारी कर हितग्राही को सौंप दिया गया। वयोवृद्ध आदिवासी महिला आवेदिका ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि मेरे नाम पर वर्श 2017-18 में शासन की प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत आवास एवं ज.पं.कोण्डागांव से राशि स्वीकृत किए जाने पर मेरे द्वारा अपना आवास बनाए जाने की तैयारी षुरु कर डी.पी.सी. तक का काम कर लिया गया। तभी बलराम नामक ठेकेदार/आवास मित्र के मेरे घर पर आकर यह बोलने पर कि आप अपना घर जल्दी नहीं बना पा रहे हो, मैं आपके घर को जल्दी बना दुंगा कहने पर, मैने उसे घर बनाने का जिम्मा दे दिया, जिस पर उसने मेरे घर को बनाना षुरु किया और जब भी रकम की आवष्यकता होती थी, वह मुझे और मेरे बेटे फुलसिंह सोरी को भारतीय स्टेट बैंक षाखा कोण्डागांव ले जाता था तथा मेरे खाता क्रं. 37094310566 में जमा रकम को निकलवाकर स्वयं ले लेता था और इस तरह से बारी-बारी करके प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत मेरे खाते में आई पूरी राशि को बलराम ने निकलवा कर ले लिया, लेकिन मेरे घर को पूरा नहीं किया। उक्त मामले की षिकायत ग्राम पंचायत केजंग के सरपंच पति से की गई, तो उसने मुझे थाने में जाकर षिकायत करने की सलाह दी। अब बलराम के मोबाईल नं 8830924775 एवं उसके सहयोगी तेज दीवान के मो.नं. 7879070872 पर संपर्क करने पर वे बात तक नहीं करते हैं। बलराम एवं तेज के द्वारा मुझे ग्रामीण आदिवासी और अषिक्षित समझकर ही मेरे साथ धोखाधड़ी की गई है। षासन से प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभ मिलने के बाद भी घर अब तक पूरा नहीं होने से मैं उक्त दोनों के व्यवहार से बेहद परेषान हूं एवं उक्त दोनों सहित आवास निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारी जिसने अपूर्ण मकान को अन्य आवास का फोटो दिखाकर एवं पूर्ण बताकर जालसाजी, गबन एवं धोखाधड़ी किया के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करते हुए एफ.आई.आर.दर्ज किए जाने की मांग करती हूं। अब देखने वाली बात यह होगी कि आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग के मूल निवासी वह भी एक वयोवृद्ध आदिवासी बेवा महिला के नाम स्वीकृत पी.एम.आवास को पूरी न कर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ जिला व पुलिस प्रशासन क्या और कब तक कार्यवाही करती है ?

Patrika Look

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