छत्तीसगढ़राजनीति

कांग्रेस सरकार के जन घोषणा पत्र के वादों पर सदन गरमाया

छत्तीसगढ़ विधानसभा

0-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा-14 घोषणाएं पूर्ण की जा चुकी है शेष अन्य घोषणाएं भी पूर्ण कर ली जाती अगर केन्द्र सरकार अड़ंगा नहीं डालती
0-मुख्यमंत्री के इस उत्तर से असंतुष्ट होकर भाजपा विधायकों ने किया बहिर्गमन

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आज प्रतिपक्ष भाजपा ने जन घोषणा पत्र 2018 को सरकार द्वारा आत्मसात कर उसकी घोषणाएं पूर्ण करने संबंधी मुद्दा जोरशोर से उठाया। भाजपा विधायकों द्वारा पूछे गये प्रश्रों का जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 36 में से 14 घोषणाएं पूर्ण की जा चुकी है, वहीं शेष वादों भी पूर्ण कर लिया जाता अगर केन्द्र सरकार अडंग़ा नहीं डालती। मुख्यमंत्री के उत्तर से असंतुष्ट होकर भाजपा विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया।
प्रश्रकाल में आज नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इससे संबंधित मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री से पूछा कि राज्यपाल द्वारा बजट सत्र 2019 को अभिभाषण में जन घोषणा पत्र 2018 को सरकार द्वारा आत्मसात किया गया, अगर हां तो उसमें कुल कितनी घोषणाएं की गई और कितनी पूर्ण हुई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके उत्तर में बताया कि छत्तीसगढ़ में 36 लक्ष्य निर्धारित करते हुए जनघोषणा पत्र जारी किया गया था। इनमें कुल 14 घोषणायें पूर्ण की है तथा 22 अपूर्ण है। अपूर्ण घोषणाओं के पूर्ण होने का समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नेताप्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि इसी सदन में बताया गया था कि 25 वादें पूरे किये गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपने बयान में कहते है कि 15 वादे पूरे हुए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा 13 वादे पूरे हुए। उन्होंने प्रश्र किया कि हकीकत में कितने वादे पूरे हुए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि जनता की उम्मीदों के अनुरूप घोषणा पत्र बनाया था। 15 सालों के कुशासन से छत्तीसगढ़ के लोग त्रस्त थे। गरीब और गरीब होते जा रहा था, किसान खेती से विमुख हो रहे थे, बेरोजगारी बढ़ रही थी। हमनें जनघोषणा को आत्मसात किया और इसे राज्यपाल के अभिभाषण में सम्मिलित किया। श्री बघेल ने कहा कि अपने वादे के अनुसार हमने सत्ता में आने के दो घंटे के भीतर किसानों का ऋण माफ किया। आदिवासियों को जमीन वापस की। वनअधिकार पट्टों को जारी कर 25 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन आदिवासियों को दी। 52 लघु वनोपज खरीद रहे है, बिजली बिल हाफ किया है जलकर माफ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन घोषणा पत्र के अनुरूप ही हम चल रहे है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र से मिलने वाले 18 हजार करोड़ जल्दी मिल जाएंगे तो बचे हुए वादों को भी हम जल्दी पूरा कर लेंगे।
इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जनघोषणा पत्र के अनुसार अब तक 2500 रुपये समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नहीं की गई, शराबबंदी का वादा पूरा नहीं किया, मंडी शुल्क समाप्त नहीं किया। श्री कौशिक ने मुख्यमंत्री से पूछा कि कब तक मंडी शुल्क समाप्त करेंगे।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि घोषणाएं पत्र को लेकर हमनें कहीं समय-सीमा का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनता के प्रति समर्पित है। हम उनसे किये गए वादों को पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री के जवाब देने के दौरान बीच में भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा क खाद्य सुरक्षा अधिकार के तहत प्रति परिवार एक किलो चावल देने और बेरोजगार युवाओं को ढाई हजार रुपये प्रति महीने देने का वादा कब पूरा करेंगे। इस पर श्री बघेल ने शिवरतन शर्मा से कहा कि आप अधीर क्यों हो रहे हैं, मैं तो उत्तर देने के लिए ही खड़ा हुआ हूं। इस पर शिवरतन शर्मा ने कहा कि आप सदन को गुमराह कर रहे हैं इस पर सत्तापक्ष ने आपत्ति जताई और सदन में थोड़ी देर के लिए भारी शोरगुल मच गया।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री से पूछा कि राज्यपाल के अभिभाषण में यदि घोषणा पत्र आ गया तो वह सरकारी दस्तावेज हो गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बताए कि कृषि ऋण की माफी का जो जिक्र किया गया था क्या वह अल्पकालीन के लिए था या दीर्घकालीन के लिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अब इनकी कलई खुल रही है। दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने की बात करने वाले ये कह रहे हैं। श्री बघेल ने कहा कि हम अपने वादों को लगातार पूरा कर रहे हैं और यदि केंद्र अड़ंगा नहीं लगाती तो सभी वादों को हम पूरा कर लेते। उन्होंने कहा कि हम अपने सभी वादों को पूरा करेंगे।
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मेरे प्रश्न का जवाब नहीं आया। मुख्यमंत्री के पास भाजपा के 15 सालों के अलावा कोई जवाब नहीं है। सरकार प्रदेश की जनता के साथ वादाखिलाफी कर रही है इसलिए हमारा दल मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर बहिर्गमन करता है। यह कहकर भाजपा के सभी विधायक सदन से कुछ समय के लिए बाहर चले गये। इसके बाद पुन: सदन की कार्यवाही में शामिल हुए।

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