खगोल वैज्ञानिकों को मिल गया ‘Super Earth’, हमारी धरती से है 50 फीसदी बड़ा
वैज्ञानिक प्रगति के साथ ही खगोल वैज्ञानिक लंबे समय से अंतरिक्ष में धरती जैसे किसी ग्रह की खोज में लगे हैं। कई बार इसमें उन्हें सफलता मिलते भी दिखी है, लेकिन बहुत ज्यादा दूरी और कई अन्य कारणों से धरती जैसे ग्रह मिलने वाले बावजूद इन ग्रहों पर जीवन की संभावना नहीं रहती है। लेकिन अब हाल ही में खगोल वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने बिल्कुल धरती जैसे ग्रह की खोज कर ली है। वैज्ञानिकों ने इसे ‘Super Earth’ का नाम दिया है। वैज्ञानिकों ने जब ‘Super Earth’ के बारे में रिसर्च की तो पता चला कि यह ग्रह हमारी ही आकाशगंगा में स्थित है और सबसे पुराने तारे के चक्कर काट रहा है।
ये है सुपर अर्थ ग्रह की खासियत
प्रारंभिक शोध में पता चला है कि ‘Super Earth’ में गर्मी और चट्टानें भी मौजूद हैं और इसका आकार धरती (Earth) से 50 प्रतिशत तक ज्यादा बड़ा है। इस नई रिसर्च के बारे में शोध पत्र सोमवार को अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी (American Astronomical Society) की बैठक में प्रस्तुत किया गया था। वैज्ञानिकों ने आमबोल में भले ही इस ग्रह को ‘Super Earth’ नाम दिया है क्योंकि यह धरती से समान ही दिखता है, लेकिन इस ग्रह का खगोलीय नाम TOI-561b है। ‘Super Earth’ अपने सितारे का एक चक्कर पूरा करने के लिए सिर्फ आधे दिन का वक्त लगता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अपने तारे से कम दूरी की वजह से इसकी सतह का तापमान 2000 K है।
जीवन की संभावना
सुपर अर्थ ग्रह (Super Earth Planet) को नासा ने खोजा था और इस ग्रह पर लोहे और मैग्निशियम जैसे तत्व बहुतायत में है। शोधकर्ताओं ने कहा कि हवाई में स्थित WM केक ऑब्जर्वेटरी की मदद से इस ग्रह का द्रव्यमान, घनत्व, और अर्धव्यास आदि के बारे में पता लगाया गया है। भारी द्रव्यमान के बावजूद इसका घनत्व हमारी धरती के बराबर था, जिसे देखकर खगोल वैज्ञानिक हैरान हो गए हैं।