नालों में वर्षा जल को रोकने 71831 स्ट्रक्चर की मंजूरी
रायपुर: छत्तीसगढ़ में भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिए संचालित नरवा (नाला) विकास योजना के जरिये नदी-नालों और जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। प्रथम चरण में 1385 नरवा उपचार के लिए चिन्हित किए गए हैं।
इसमें से 1372 नालों में वर्षा जल की रोकथाम के लिए बोल्डर चेक, गली प्लग, ब्रश हुड, परकोलेशन टैंक जैसी संरचनाओं का निर्माण व उपचार कर पानी को रोकने और भू-जल स्तर बेहतर बनाने प्लान तैयार कर काम कराया जा रहा है।
राज्य में सुराजी गांव योजना के प्रमुख घटक नरवा (नाला) के तहत अब तक 1310 नालों में वर्षा जल को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के 71 हजार 831 स्ट्रक्चर बनाए जाने की मंजूरी दी गई है। इसमें से 51 हजार 742 स्ट्रक्चर का निर्माण हो चुका है।
अभी 9,685 स्ट्रक्चर निर्माणाधीन है। लगभग दो सालों से राज्य में भू-जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में किए जा रहे कार्यों का सकारात्मक परिणाम भी अब दिखाई देने लगा है। यह योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी नरवा, गरुवा, घुरुआ और बाड़ी योजना का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के माध्यम से गांवों को विकसित और आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की पहल कर रही है। दरअसल यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का गांव गढ़ने की दिशा में बढ़ते कदम है।
इसके माध्यम से नदी-नालों और पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देकर पौष्टिक खाद्यान्न, फल तथा सब्जी-भाजी के उत्पादन को बेहतर बनाना है, ताकि गांव आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके।