दिल्ली NCR

बारिश के बीच किसानों का प्रदर्शन 39वें दिन भी जारी, कहा- सरकार की नियत में खोट है

नई दिल्ली।सरकार और किसान संगठनों के बीच तीन नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से चला आ रहा गतिरोध सोमवार को सातवें दौर की वार्ता के बाद भी समाप्त नहीं हो सका। किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार उन्हें इनके फायदे गिनाती रही।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन लगातार 39वें दिन भी जारी है। गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच दिल्ली में हो रही हल्की बारिश से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश की वजह से सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन प्रभावित हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि बारिश और ठंड से हमें कोई दिक्कत नहीं हो रही है किसान का जीवन ही संघर्ष है। हम यहां से तभी ही जाएंगे जब सरकार MSP को कानून बना देंगे। इससे पहले हम नहीं जाएंगे। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट है। 8 जनवरी को 8वें दौर की बात होगी। बातचीत में कुछ निकलता दिखाई नहीं दे रहा। सरकार एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि कानून फायदेमंद हैं। PM खुद बैठक कर कानूनों को निरस्त करने की बात करें।इससे पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच तीन नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से चला आ रहा गतिरोध सोमवार को सातवें दौर की वार्ता के बाद भी समाप्त नहीं हो सका। किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार उन्हें इनके फायदे गिनाती रही। अलबत्ता, कोई बात नहीं बन सकी। अब आठ जनवरी को फिर से वार्ता होगी। लगभग चार घंटे चली बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया। सरकार और किसान संगठनों के बीच आठ जून को फिर से वार्ता होगी।

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