छत्तीसगढ़राजनीति

भाजपा नेता बताये केन्द्र सेन्ट्रल पुल के 60 लाख मीट्रिक टन चावल की अनुमति क्यों नहीं दे रहा : कांग्रेस

डी.पुरन्देश्वरी राज्य के किसानों के हित में केन्द्र से क्यों पहल नही कर रही?

रायपुर। केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ से सेन्ट्रल पुल 60 लाख मीट्रिक टन की चावल लेने की सैद्धांन्तीक सहमति देने के बाद अनुमति नहीं देने कांग्रेस ने भाजपा के नेताओं को घेरा है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी और किसानों के मामलों में घडिय़ाली आंसू बहाने वाले भाजपा नेता इस मामले में मौन क्यों है? भाजपा की छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरन्देश्वरी छत्तीसगढ़ के किसानों को बताये कि उनकी केन्द्र सरकार ने राज्य के चावल के कोटे में की गयी कटौती को बहाल क्यो नही किया है? पुरन्देश्वरी बताये केन्द्र पूरा 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का आदेश कब देगा? यह सर्वविदित तथ्य है कि राज्य सरकार समर्थन मूल्य में धान की खरीदी केन्द्र सरकार के लिये करती है। राज्य सरकार किसानों से खरीदे गये धान को कस्टम मीलिंग करवा कर एफसीआई में जमा करती है। इस वर्ष धान खरीदी के पहले केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने सहमति का पत्र प्रदान किया था। लेकिन बाद में 24 लाख मीट्रिक टन की अनुमति दिया गया है।
इस वर्ष राज्य सरकार ने रिकार्ड 91 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक धान की खरीदी किया है। यदि केन्द्र सरकार अपने पहले की सहमति के आधार पर 60 लाख मीट्रिक टन चावल को लेने पर तैयार नही होगा तो इससे छत्तीसगढ़ का बड़ा नुकसान होगा। राज्य के अपनी योजनाओं में लगभग 20 लाख मीट्रिक टन चावल लगेगा यदि केन्द्र सिर्फ 24 लाख मीट्रिक टन चावल लेगा तो राज्य के पास बचे 16 लाख मीट्रिक टन चावल का क्या होगा?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 9 लोकसभा के सांसद चावल के मामलें में केन्द्र से पहल क्यों नहीं करते? राज्य की जनता के 9 सांसदो को इसी लिये तो चुन कर दिल्ली भेजा है ताकि वे राज्य के हितो की आवाज दिल्ली सरकार के सामने उठा सके। राज्य के हितों की आवाज देश की संसद में उठायें लेकिन दुर्भागय से छत्तीसगढ़ के भाजपा के 9 सांसद अपनी दलीय प्रतिबद्धता के कारण राज्य के हितों की लगातार अनदेखी कर रहे है। राज्य को मिलने वाले अनुदानों को रोकने के लिये केन्द्र के पास राज्य की झूठी शिकायत करने वाले भाजापाई सांसद सेन्ट्रल पुल में चावल लेने की 60 लाख मीट्रिक टन की अनुमति देने के लिये पत्र क्यों नहीं लिखते?

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *